tag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post2377069640831486751..comments2023-10-24T17:01:13.971+05:30Comments on निरामिष: पादप एवं जंतु -2: पोषण का अंतरAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/04417160102685951067noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-65224822219716750792012-05-28T08:19:37.574+05:302012-05-28T08:19:37.574+05:30निचले कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों में भी वर्णित होता ...निचले कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकों में भी वर्णित होता है कि मांसाहारी और शाकाहारी जानवरों के पाचनतंत्र में अंतर होता है, लेकिन लोग इस मूलभूत अंतर को भी मानने को तैयार नहीं होते, आपने विस्तार में लिखकर बहुत अच्छा समझाया है. दुनिया का अनोखा क्लब - अभी अभी पढ़ने को मिला - http://www.bbc.co.uk/hindi/news/2012/05/120525_sanskrit_night_club_sdp.shtmlबरेली सेhttps://www.blogger.com/profile/10127507436735317915noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-36665847477370126112012-05-26T17:22:30.552+05:302012-05-26T17:22:30.552+05:30बहुत बढ़िया! आप हर विषय का बहुत विस्तृत विवरण देती...बहुत बढ़िया! आप हर विषय का बहुत विस्तृत विवरण देती हैं।Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-50657768074962302942012-05-25T11:04:57.180+05:302012-05-25T11:04:57.180+05:30बहुमूल्य और जटिल जानकारी को इतने सरल शब्दों में अभ...बहुमूल्य और जटिल जानकारी को इतने सरल शब्दों में अभिव्यक्त करने का आभार!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-82941544978065191932012-05-24T20:25:38.075+05:302012-05-24T20:25:38.075+05:30यह आलेख इस बात का प्रमाण है कि जब सातवीं/आठवीं कक्...यह आलेख इस बात का प्रमाण है कि जब सातवीं/आठवीं कक्षा में यह बातें पढायी जाती हैं तो उन्हें निरामिष होने का पाठ क्यों नहीं पढ़ाया जा सकता.. आवश्यकता केवल बच्चों को तथ्यों से सार्थक रूप से परिचित कराने की है.. शेष निर्णय उनपर छोड़ देना चाहिए!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-4030740877484377572012-05-24T17:33:08.098+05:302012-05-24T17:33:08.098+05:30खूबसूरत जानकारी! आभार।खूबसूरत जानकारी! आभार।Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-47045647258838462022012-05-24T15:47:53.301+05:302012-05-24T15:47:53.301+05:30गहन शोधयुक्त जानकारीगहन शोधयुक्त जानकारीसुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-29032003312563704032012-05-24T13:39:53.266+05:302012-05-24T13:39:53.266+05:30सहज सरल प्रस्तुति है कोई भाषागत क्लिष्टता आड़...सहज सरल प्रस्तुति है कोई भाषागत क्लिष्टता आड़े नहीं आ रही है .घर से बाहर निकला करें खुद को भी धूप लगाएं ,औरों के ब्लॉग पर भी आएं जाएं ,सेहत के लिए अच्छा रहता है आना जाना . .कृपया यहाँ भी पधारें -<br />ram ram bhai<br />23 मई 2012<br />ये है बोम्बे मेरी जान (अंतिम भाग )<br />http://veerubhai1947.blogspot.in/<br />यहाँ भी देखें जरा -<br />बेवफाई भी बनती है दिल के दौरों की वजह .<br />http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-75189626741757509592012-05-24T13:27:23.470+05:302012-05-24T13:27:23.470+05:30बहुत रोचक जानकारी...अपना पेट भरने के लिये हिंसा क्...बहुत रोचक जानकारी...अपना पेट भरने के लिये हिंसा क्यों?Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-31105601016657084942012-05-24T13:20:42.253+05:302012-05-24T13:20:42.253+05:30बहुत अच्छी जानकारी। शाकाहार की कोई बराबरी नहीं।बहुत अच्छी जानकारी। शाकाहार की कोई बराबरी नहीं।ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-86309461126219743242012-05-24T13:05:56.386+05:302012-05-24T13:05:56.386+05:30आभार, यही बिन्दु कहना चाहता थाआभार, यही बिन्दु कहना चाहता थाAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/04417160102685951067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-39469227264167169062012-05-24T12:52:24.100+05:302012-05-24T12:52:24.100+05:30aabhaar
१. पादपों में अतिरिक्त भोजन इस तरह से संग...aabhaar<br /><br />१. पादपों में अतिरिक्त भोजन इस तरह से संगृहीत किया जाता है कि उसे लेने के लिए पौधे के प्राण न चले जाएँ - जंतुओं में ऐसा नहीं है |<br /><br />२. पादपों में तंत्रिका तंत्र उतना विकसित नहीं है जितना जंतुओं में | तो, जन्तु के एक अंग को काटा जाना बहुत पीडादायक है - पौधे में ऐसा नहीं है | <br /><br />३. जंतुओं में जो स्तनपायी जीव हैं, वे प्राणी भी विशेष तौर पर अपनी संतति के लिए दूध (भोजन) उत्पन्न करते है - और इस दूध को निकाला जाना किसी भी तरह से माँ के लिए पीडादायक नहीं होता | बल्कि इससे उल्टा है - यदि वह दूध न निकले - तो पीड़ादायक स्थति हो जाती है | ऐसा ही पौधे के अतिरिक्त भोजन का है - यदि फल न लिए जाएँ तो पौधों का प्रजनन बाधित होगा | मांस के साथ ऐसा नहीं है | मांस लेना पीड़ा और मृत्यु - दोनों का कारण बनता है |Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-6369951477512162882012-05-24T11:30:05.434+05:302012-05-24T11:30:05.434+05:30बहुत ही सूक्ष्म तुलनात्मक अध्ययन!!
पादप और पशु जीव...बहुत ही सूक्ष्म तुलनात्मक अध्ययन!!<br />पादप और पशु जीवन में विशाल अन्तर है किन्तु उसे सूक्ष्म और आधारभूत दृष्टि से ही ग्रहित किया जा सकता है। पशु और पादप दोनों की तुलना जब जीवन के आधार पर ही की जाती है तो इसके आहार विषय में हेय या उपादेय का आधार भी जीवन ही होना चाहिए। मांस किसी पशु को जीवन रहित किए बिना अप्राप्य है वहाँ शाकाहार पादप से जीवन को नष्ट किए बिना प्राप्त किया जा सकता है। शाकाहार प्राप्त करने में भी जीवहानि का विवेक रखना सात्विकता है। शाकाहार का उद्देश्य ही अनावश्यक हिंसा से बचना है। जिस किसी आहार में जीवहिंसा की सम्भावनाएं बनती है, सात्विक आहारी बौद्धिक परिशुद्धता से स्वयं को संयमित करता चलता है। अहिंसा शाकाहार का परम लक्ष्य है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04417160102685951067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-10722093269826881772012-05-24T11:16:47.390+05:302012-05-24T11:16:47.390+05:30बहुत सुन्दरबहुत सुन्दरनिर्झर'नीरhttps://www.blogger.com/profile/16846440327325263080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-25752713658409877802012-05-24T09:46:07.348+05:302012-05-24T09:46:07.348+05:30ब्लाग पर आना सार्थक हुआ । काबिलेतारीफ़ है प्रस्तुत...ब्लाग पर आना सार्थक हुआ । काबिलेतारीफ़ है प्रस्तुति । बहुत सुन्दर <br /><a href="http://www.vpsrajput.in" rel="nofollow"> मेरे ब्लॉग पे आपका स्वागत हैं</a><br /><a href="http://www.vpsrajput.in/2012/05/blog-post.html" rel="nofollow">क्रांतिवीर क्यों पथ में सोया?</a>#vpsinghrajputhttps://www.blogger.com/profile/04480432808853552862noreply@blogger.com