tag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post4035516649709141748..comments2023-10-24T17:01:13.971+05:30Comments on निरामिष: भ्रांति मिटाने के नाम पर मांसाहार प्रचार का भ्रमजालAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/04417160102685951067noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-18608713058553471452020-03-10T12:04:24.599+05:302020-03-10T12:04:24.599+05:30बहुत ही अच्छे तरीके से वर्णन
बहुत ही अच्छे तरीके से वर्णन<br />insaniyatdharmhttps://www.blogger.com/profile/01845941764560143023noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-59822737910861845882013-07-20T21:40:20.914+05:302013-07-20T21:40:20.914+05:30श्रेष्ठ, सुन्दर विचारों से भरें इन लेखों पर बहुत...श्रेष्ठ, सुन्दर विचारों से भरें इन लेखों पर बहुत बहुत साधुवाद.<br />कृपया विभिन्न कम्पनियों द्वारा जो नाना प्रकार की खाद्य सामग्रियां उपलब्ध करवाई जा रही है उन पर भी प्रकाश डालने का कष्ट करें. क्योंकि बहुतायत में कम्पनियां विभिन्न प्रकार की सामग्री हिंसा, अहिंसा का भान किये बगैर खाद्य सामग्री आम जन को अपने लाभ के खातिर परोस रही है. उन्हें तो अहिंसा से तो कोई लेना देना नहीं दिखता ?<br />चाष्टाhttps://www.blogger.com/profile/06917921652600490736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-70816000114969378472012-12-26T21:06:30.670+05:302012-12-26T21:06:30.670+05:30फिर जब मांसाहार इतना ही श्रेष्ठ है तो अपने यहां कि...फिर जब मांसाहार इतना ही श्रेष्ठ है तो अपने यहां किसी के मृत होने पर उसे क्यों भक्ष्य पदार्थ की श्रेणी में नहीं लाया जाता.बरेली सेhttps://www.blogger.com/profile/10127507436735317915noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-36943806319564056782012-12-26T18:10:46.037+05:302012-12-26T18:10:46.037+05:30जीभ के लिये आदमी क्या नहीं करता, जीभ से ही झूठ भी ...जीभ के लिये आदमी क्या नहीं करता, जीभ से ही झूठ भी बोल देता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-68023172514623777312012-12-26T15:27:12.147+05:302012-12-26T15:27:12.147+05:30बहुत ही अच्छी तरह आपने इन कुतर्कों का खण्डन किया। ...बहुत ही अच्छी तरह आपने इन कुतर्कों का खण्डन किया। वाकयी ईश्वर ने मनुष्य के लिये शाकाहार ही नियत किया था।ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-29175757930963619812012-12-26T12:22:26.934+05:302012-12-26T12:22:26.934+05:30बिन्दु 12, शाकाहारी जीवों की अपेक्षा मांसाहारी जीव...बिन्दु 12, शाकाहारी जीवों की अपेक्षा मांसाहारी जीवों की संख्या कम हो रही है .....ईश्वर का स्पष्ट संकेत है कि मांसाहारियों के लिये जीवजगत में निरापद और सम्मानजनक स्थान नहीं है। <br />बिन्दु 13, चिकित्सा शास्त्र की पुस्तक कोई धर्मग्रंथ नहीं है। फिर उसके सभी तथ्य अंतिम सत्य नहीं होते .....निरंतर हो रहे शोधों के कारण उनके तथ्यों में आये दिन परिवर्तन होते रहते हैं। बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-31781757660504010402012-12-26T12:11:32.605+05:302012-12-26T12:11:32.605+05:30एस्कीमोज मांसाहारी होते हैं इसीलिये उनकी उम्र अन्य...एस्कीमोज मांसाहारी होते हैं इसीलिये उनकी उम्र अन्य लोगों की अपेक्षा सबसे कम होती है। दूसरी बात, मांसाहार को धर्म से जोड़ा जाना एक कुतर्क के अतिरिक्त और कुछ नहीं है। हम उस आचरण को धर्म नहीं मान सकते जो जीवहिंसा की वकालत करता हो। बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-15172382114205504802012-12-26T10:44:34.751+05:302012-12-26T10:44:34.751+05:30वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्...वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति . हार्दिक आभार <br />Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-76670722929687109182012-12-25T21:04:25.389+05:302012-12-25T21:04:25.389+05:30अच्छा किया जो आपने जाकिर नायक एंड कंपनी के ये कुतर...अच्छा किया जो आपने जाकिर नायक एंड कंपनी के ये कुतर्क और इनके खंडन सामने रखे। अपने चटोरेपन के लिए जीवा हत्या को सही साबित करने के लिए जो ज़ाकिर नाईक और उसके चेले जमीनी हक़ीक़त को नज़रअंदाज़ करके कभी उत्तरी ध्रुव और कभी चाँद पर पेड़ न उगाने की बात कराते हैं, वे लोग शायद अपना घर बार छोडकर बर्फ का इगलू बनाकर उसी में रहने लगे होंगे ... हद्द है दिमागी दिवालियेपन की ... शाकाहार करते तो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी सुधरता, ...Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com