tag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post6886136453720978630..comments2023-10-24T17:01:13.971+05:30Comments on निरामिष: मैं शाकाहार क्यों अपनाऊँ ? जब कि मैं हमेशा से मांसाहार लेता रहा हूँ और मुझे वह पसंद भी है? Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/04417160102685951067noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-26670018987326714412013-03-21T02:40:59.541+05:302013-03-21T02:40:59.541+05:30पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ, बहुत मानसिक शांति ...पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ, बहुत मानसिक शांति मिली.. सुन्दर विचारो के साथ सुन्दर लेखन.. आभार Prityhttps://www.blogger.com/profile/09493771267714356469noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-54442913989836560862013-03-11T09:52:05.996+05:302013-03-11T09:52:05.996+05:30प्रश्नों के सुलझे जवाब निरामिष होने के कारणों को स...प्रश्नों के सुलझे जवाब निरामिष होने के कारणों को स्पष्ट करते हैं .<br />प्रभावशाली!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-11357990592071137632013-03-09T16:46:06.833+05:302013-03-09T16:46:06.833+05:30नैतिक आचार विचार ही शाकाहार अपनाने का प्रेरक बल हो...नैतिक आचार विचार ही शाकाहार अपनाने का प्रेरक बल हो सकता है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-54003748356440542412013-03-07T19:41:37.761+05:302013-03-07T19:41:37.761+05:30अपनी जीभ के लिये इतनी हत्यायें शोभा नहीं देतीं।अपनी जीभ के लिये इतनी हत्यायें शोभा नहीं देतीं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-12619799488994878852013-03-07T19:34:16.976+05:302013-03-07T19:34:16.976+05:30Achhi RachnaAchhi Rachnadr.mahendraghttps://www.blogger.com/profile/07060472799281847141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-7620594109998370402013-03-06T21:45:19.505+05:302013-03-06T21:45:19.505+05:30दर-अस्ल, माँसाहार करने वाले इन बातों पर गौर ही नही...दर-अस्ल, माँसाहार करने वाले इन बातों पर गौर ही नहीं करना चाहते, यदि वे इन्हें पढ़कर थोड़ा भी सोचेंगे तो शायद माँसाहार उनके लिये सम्भव ही नहीं रह जायेगा. बहुत ही बढ़िया आलेख के लिये बधाई.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-64910758507754838902013-03-06T20:08:31.784+05:302013-03-06T20:08:31.784+05:30प्रश्नोत्तरी और जानकारी के लिए धन्यवाद। निरामिष पर...प्रश्नोत्तरी और जानकारी के लिए धन्यवाद। निरामिष पर सहज उपलब्ध प्रामाणिक जानकारी के अभाव में न जाने कितने लोग ऐसे सवालों के भ्रमजाल में फंसे हैं। शाकाहार अपनाये, उन्नति की ओर अग्रसर हों। Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.com