tag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post5935520784542898458..comments2023-10-24T17:01:13.971+05:30Comments on निरामिष: बेल्जियम का नगर घेंट - शाकाहार का मार्गदर्शकAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/04417160102685951067noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-89327595171628152492011-12-20T00:22:16.329+05:302011-12-20T00:22:16.329+05:30व्यक्तिगत रूप से तो शाकाहार विश्व भर में ही प्रचलन...व्यक्तिगत रूप से तो शाकाहार विश्व भर में ही प्रचलन में आ रहा है परन्तु बेल्जियम के घेंट नगर ने इसे आधिकारिक बनाकर इतिहास ही रच डाला है। <br /><br />विश्व में शाकाहार रुझान बढ़ रहा है, आज लोग सम्वेदनशील हो उठते है कि मात्र आहार स्वार्थ के लिए किसी निरिह पशु की जान ली जाय।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-58461439353397430172011-12-18T23:19:10.946+05:302011-12-18T23:19:10.946+05:30वाह...अत्यंत हर्षदायक समाचार है यह...
ईश्वर सबको ...वाह...अत्यंत हर्षदायक समाचार है यह...<br /><br />ईश्वर सबको सद्बुद्धि दें, सात्विक और सत्याचारी बनायें..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-71195864934019777352011-12-17T21:16:23.475+05:302011-12-17T21:16:23.475+05:30आप सभी का आभार। देखते हैं कि शाकाहार और सात्विक भो...आप सभी का आभार। देखते हैं कि शाकाहार और सात्विक भोजन के इस सन्मार्ग पर घेंट के पथप्रदर्शन में भारत का कौन सा नगर पहल कर पाता है।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-52419183796743384632011-12-17T20:07:09.668+05:302011-12-17T20:07:09.668+05:30जागरूक करता हुआ सार्थक आलेख ..जागरूक करता हुआ सार्थक आलेख ..रेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-55487865066603483322011-12-17T12:11:02.137+05:302011-12-17T12:11:02.137+05:30वास्तव में घेंट बधाई का पात्र है !
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आभार जानका...वास्तव में घेंट बधाई का पात्र है !<br />****<br />आभार जानकारी देने के लिएAmit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-14861146367027482882011-12-16T16:32:06.150+05:302011-12-16T16:32:06.150+05:30सार्थक पहल एवं महत्वपूर्ण जानकारी ... समय मिले कभी...सार्थक पहल एवं महत्वपूर्ण जानकारी ... समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत हैPallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-70102438090420751012011-12-16T16:06:50.574+05:302011-12-16T16:06:50.574+05:30यह पढ़कर बहुत खुशी हुई. एक आशा भी है की पश्चिम जित...यह पढ़कर बहुत खुशी हुई. एक आशा भी है की पश्चिम जितना अधिक शाकाहारी बनेगा भारतीय भी उनसे सीखकर एक बार फिर इसे अपना लेंगे. इस मामले में मुझे गुजरात में रहना बहुत भला लगा. वहाँ अधिकतर शाकाहार ही चलता था.बाहर खाना भी निश्चिन्त हो खा सकती थी.<br />घुघूतीबासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-49436891492913106342011-12-16T14:11:49.072+05:302011-12-16T14:11:49.072+05:30निसंदेह सार्थक पहल, बेल्जियम सचमुच बधाई का पात्र ह...निसंदेह सार्थक पहल, बेल्जियम सचमुच बधाई का पात्र है...<br />बढ़िया आंदोलन है आपका... <br />सादर समर्थन और साधुवाद....S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-86641103379475771822011-12-16T14:06:18.457+05:302011-12-16T14:06:18.457+05:30आपने बिल्कुल सही कहा है ! मैं आपकी बातों से पूरी त...आपने बिल्कुल सही कहा है ! मैं आपकी बातों से पूरी तरह सहमत हूँ! <br />एक जागरूक आलेख के लिए लेखक को साधुवाद.मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-56337975226412750912011-12-16T10:28:42.164+05:302011-12-16T10:28:42.164+05:30शाकाहार का डंका विश्व भर में बज रहा है।
@ बहुत ही...शाकाहार का डंका विश्व भर में बज रहा है। <br />@ बहुत ही सुन्दर वाक्य है... यही एक वाक्य सम्पूर्ण धरा को एकसूत्र में पिरो सकता है... <br />यदि शाकाहार सभी संस्कृतियों का एकसामान्य धर्म हो जाए तो अन्य किसी से भयखाकर पूर्व आक्रमण की आवश्यकता ही न पड़े...PRATULhttps://www.blogger.com/profile/03991585584809307469noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-85282164355330397092011-12-16T10:22:31.071+05:302011-12-16T10:22:31.071+05:30स्वागतयोग्य कदम.... बेल्जियम का... ऐसे ही आदर्श प्...स्वागतयोग्य कदम.... बेल्जियम का... ऐसे ही आदर्श प्रस्तुत करने होंगे... <br />तभी होगी वसुधैव कुटुंब की अवधारणा सार्थक.... <br />जीवमात्र के प्रति दया का भाव सनातन है... और इस परम्परा को अग्रचालित करने वाले वास्तव में बधाई के योग्य हैं... <br />हम उनके इस कार्य की ह्रदय से सराहना करते हैं...<br />प्रभु, सभी सभ्य और सुसंकृत मनुष्यों में जीवों के प्रति वात्सल्य का भाव जगाये... यही हमारी कामना है..PRATULhttps://www.blogger.com/profile/03991585584809307469noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-30309443086407603102011-12-15T23:57:42.619+05:302011-12-15T23:57:42.619+05:30अनुकरणीय ....अच्छा लगा ये जानकारी पाकर ...आभारअनुकरणीय ....अच्छा लगा ये जानकारी पाकर ...आभार डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-82015247376601791112011-12-15T21:35:14.721+05:302011-12-15T21:35:14.721+05:30प्रेरक प्रस्तुति!प्रेरक प्रस्तुति!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-27598962172158441742011-12-15T18:49:30.253+05:302011-12-15T18:49:30.253+05:30सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार अनुराग जी.
वैचारिक पर...सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार अनुराग जी.<br />वैचारिक परिपक्वता एक न एक दिन निश्चित <br />ही शाकाहार को अपनाने के लिए विवश करेगी.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-7589210164230230072011-12-15T14:30:11.483+05:302011-12-15T14:30:11.483+05:30आभार अनुराग जी,
जहां यह महामूल्य शाकाहार के सिद्ध...आभार अनुराग जी,<br /><br />जहां यह महामूल्य शाकाहार के सिद्धांत परम्परा से स्थापित हुए थे, वहां इन अहिंसक मूल्यों की कदर नहीं, नसीब होते हुए भी बदनसीब रहने को अभिशप्त है। <br /><br />धन्य है वे घेंट नगर बेल्जियम के लोग जिनके ध्यान में एक बार अहिंसक जीवन मूल्यों, जीवदया और पर्यावरण परिशुद्धता की बात आती है तो सिद्दत से उसका पालन करते है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04417160102685951067noreply@blogger.com