tag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post9072367696342756133..comments2023-10-24T17:01:13.971+05:30Comments on निरामिष: निरामिष शाकाहार प्रहेलिका 2012Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/04417160102685951067noreply@blogger.comBlogger37125tag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-25819394937569282742019-07-30T11:00:36.198+05:302019-07-30T11:00:36.198+05:30shakahaar suttam kuch na h
You may like - How to ...shakahaar suttam kuch na h<br /><br />You may like - <a href="https://techbegins.com/commission-junction-affiliate-payment-payoneer.html" rel="nofollow">How to Receive Commission Junction Affiliate Payment via Payoneer?</a>Mavishttps://www.blogger.com/profile/03434702454903491397noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-12782311006362838132019-07-27T12:09:48.325+05:302019-07-27T12:09:48.325+05:30Rochak jaankariyaan milin, aabhar.
You may also li...Rochak jaankariyaan milin, aabhar.<br />You may also like: <a href="https://www.techgape.com/2019/03/best-comments-for-girl-pic-on-instagram.html" rel="nofollow">Comment on girl pic</a> & <a href="https://www.techgape.com/2016/08/john-dalton-biography-inventions.html" rel="nofollow">John dalton inventions</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-62257079040984664832012-04-25T14:38:03.920+05:302012-04-25T14:38:03.920+05:30भारत में सबसे ज्यादा शाकाहारी हैं, फिर भी सबसे ज्य...भारत में सबसे ज्यादा शाकाहारी हैं, फिर भी सबसे ज्यादा ऊँचनीच, भेदभाव हैं,<br /><br />हमें फक्र हैं की हम शाकाहारी हैं मगर शाकाहारी बनने से कुछ नहीं होता, अच्छे इंसान और अनुशासन में रहने वाला ही व्यक्ति बनने से ही शाकाहार होने का असली मकसद पूरा होगा.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01313010718017246838noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-64359249698447163302012-03-30T20:40:28.508+05:302012-03-30T20:40:28.508+05:30मैं शाकाहार के समर्थन में हूँ । मैं जीवन भर शाकाहा...मैं शाकाहार के समर्थन में हूँ । मैं जीवन भर शाकाहारी रहूँगा, मरते दम तक शाकाहार का पथ नहीं छोड़ूँगा। मांसाहार को कदापि स्वीकार नहीं किया जा सकता। शाकाहार सर्वोत्तम आहार है। आपकी हर पोस्ट नई जानकारियों से भरी है और शाकाहार के पक्ष में सम्यक तर्क प्रस्तुत करती है। मेरी कोटिशः शुभकामनाएँ।dinesh gautamhttps://www.blogger.com/profile/12703343426381963314noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-80296563562324645242012-03-17T19:49:18.810+05:302012-03-17T19:49:18.810+05:30बंगाल (अब पश्चिमी बंगाल )में घर घर छोटे छोटे तालाब...बंगाल (अब पश्चिमी बंगाल )में घर घर छोटे छोटे तालाब हैं घर दुआरे के पिछवाड़े जहां मछली पालन होता है चावल मच्छी बंगालियों का प्रिय आहार है .मछली को जल तोरई कहा जाता है .क्योंकि इसे वैसे ही खाया जाता है जैसे जलयुक्त तोरई को . लेकिन जल तोरई कहने से मछली तोरई नहीं हो जाती है .मछली मछली है ,वाईट मीट है .<br /><br />दूध को जीववैज्ञानिक दृष्टि से पशु उत्पाद के अंतर्गत ही लिया जाता है .महात्मा गांधी बकरी का दूध पीते थे उसके लो फेट होने की वजह से .तमाम पशु आहार कोलेस्ट्रोल बढातें हैं .गैर पशु उत्पाद ही सर्वोत्तम आहार हैं दिल के लिए दिमाग के लिए .<br /><br />चोटी के हृद विज्ञानी बिमल छाजेड साहब शाकाहार आन्दोलन को सारी दुनिया में ले जा रहें हैं .आप जीरो फेट के समर्थक हैं .मछली के बारहा हाइप किये जा चुके ओमेगा थ्री वसीय अम्लों को भी अन- उपयुक्त बतलातें हैं वैज्ञानिक आधार पर .पढ़ें उनकी किताब 'शाकाहार '.virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-38609582045450623502012-01-18T13:03:07.789+05:302012-01-18T13:03:07.789+05:30आभार बंधुवर। हमारी चर्चा की आपने।आभार बंधुवर। हमारी चर्चा की आपने।कुमार राधारमणhttps://www.blogger.com/profile/10524372309475376494noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-14439163141999617312012-01-13T13:22:09.487+05:302012-01-13T13:22:09.487+05:30आपकी नाराज़गी उचित ही है, विषयांतर, विग्रह और तोतार...आपकी नाराज़गी उचित ही है, विषयांतर, विग्रह और तोतारटंत वाली टिप्पणीयों को स्पैम में डालने का निर्णय तो है ही। समाज में भ्रम और दुष्प्रचार भरे प्रचारी कुतर्कों को जानना और उसे दूर करना भी आवश्यक है। कुतर्क, हठधर्मिता, वितंड़ावाद और मलीनवृति को जगजाहिर भी होना चाहिए, ताकि लोग शुभ विचार-वृति और अशुभ विचार-वृति के अन्तर को स्पष्ट जान पाएँ।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-25078370271412960052012-01-13T09:59:58.684+05:302012-01-13T09:59:58.684+05:30कुछ लोग विषयांतर और विग्रह करना अपना परम कर्तव्य म...कुछ लोग विषयांतर और विग्रह करना अपना परम कर्तव्य मानते हैं ...यह असुर वृत्ति है .....हम asuron के sur theek नहीं कर sakenge ..astu अनचाहे ही यहाँ टिप्पणी करनी पड़ रही है. सुज्ञ जी पर naaraaj होना hamaaraa adhikaar है ...असुर को kyaa kahen ?<br />हमारी विद्वत परम्परा में संभाषा का उपयोग वैचारिक परिष्कारों के लिए किया जाता रहा है...किन्तु विग्रह्य संभाषा को निकृष्ट कहा गया है. जिज्ञासु की शंकाओं का समाधान करना तो उचित है पर विग्रही की बात सुनना भी उचित नहीं. यदि कोई अपनी हठ धर्मिता से बाज़ नहीं आ रहा तो उसके लिए अपने द्वार बंद कर देने चाहिए. किन्तु एक बात की दाद दूंगा कि इस व्यक्ति में शरीफ को भी शैतान बना देने का दुस्साहस है.....धैर्यवान यहाँ परीक्षा न दें..वही शुभ है. बवंडर खड़ा करने का एक मात्र लक्ष्य पूरा हो रहा है. असुर परम्परा अभी भी कायम है .....इसे पहचान कर इससे बचना ही एक मात्र उपाय है.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-78386041671171969632012-01-10T18:01:52.801+05:302012-01-10T18:01:52.801+05:30i am with you in your crusade
all the best and ke...i am with you in your crusade <br />all the best and keep the good work going <br />regds<br />rachnaरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-19639556129867115042012-01-09T05:06:11.529+05:302012-01-09T05:06:11.529+05:30शिल्पा मेहता व अभिषेक ओझा को धन्यवाद! प्रतियोगिता ...शिल्पा मेहता व अभिषेक ओझा को धन्यवाद! प्रतियोगिता अभी जारी है और नए उत्तरों व जानकारी का स्वागत है. धन्यवाद!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-51508982344122021292012-01-08T16:33:42.843+05:302012-01-08T16:33:42.843+05:30@ अभिषेक जी
ये रोजा पार्क्स जी हैं ? रंगभेद के सि...@ अभिषेक जी <br />ये रोजा पार्क्स जी हैं ? रंगभेद के सिलसिले में इनके बारे में पढ़ा तो था, किन्तु चेहरा नहीं जानती थी | आपका और अनुराग जी का आभार , इन्हें दिखाने के लिए | :)Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-29381471252411973692012-01-08T14:05:51.650+05:302012-01-08T14:05:51.650+05:30दीप पाण्डेय जी,
आभार तो आपका, आप अपने ही परिष्कृत...दीप पाण्डेय जी,<br /><br />आभार तो आपका, आप अपने ही परिष्कृत विचारों का क्रेडीट हमें देते है, वस्तुत यह आपकी ही कोमल भावनाओं का प्रकटीकरण और मनोबल व संकल्प का परिणाम होता है।<br /><br />व्यस्तता के मध्य भी आकर प्रोत्साहन देने के लिए आपका पुनः आभारसुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-9398151166065109702012-01-08T12:39:50.558+05:302012-01-08T12:39:50.558+05:30निरामिष परिवार के सभी सदस्यों को मेरा प्रणाम. कभी ...निरामिष परिवार के सभी सदस्यों को मेरा प्रणाम. कभी मैं मांसाहार का घोर समर्थक था पर आज मैं मांसाहार का समर्थन नहीं करता. इसके लिए मैं गौरव अग्रवाल, अमित शर्मा, सुज्ञ जी का बेहद आभारी हूँ.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-70907105613402275792012-01-08T01:36:09.260+05:302012-01-08T01:36:09.260+05:30@मछली को तो हम आलू की तरह मानते हैं।
डॉ जमाल,
कल ...@मछली को तो हम आलू की तरह मानते हैं।<br /><br />डॉ जमाल,<br /><b>कल यदि आपका कोई मित्र सुअर को हलाल कहने लगेगा तो क्या वह हलाल हो जायेगा और क्या आप सुअर की हलाली जैसी बेवकूफ़ाना टिप्पणियाँ इतने ही जोश से निरामिष पर बार-बार छोड़ते जायेंगे? नहीं न। तो बेहतर है कि हम सत्य को सत्य की तरह देखें और आलू और मछली के अंतर को किसी मित्र के नाम की आड़ में छिपाने से बचें। <br /><br />आपने पहले भी अपने कई भ्रमों को सत्य जैसे प्रस्तुत किया था और हमने यहीं उनका निराकरण भी किया है। आलू-मछली, निरामिष-सामिष, शाक-मांस, क़ुर्बानी-पशुहत्या का अंतर इसी निरामिष ब्लॉग में अनेक आलेखों में स्पष्ट किया जा चुका है। पढते रहिये, आपके भ्रम छंटने लगेंगे।<br /><br />चीन हो या जापान, मछली, बीफ़, पोर्क आदि सारी दुनिया में मांसाहार ही गिने जाते हैं। टूटे रिकॉर्ड की तरह किसी झूठ को दोहराते रहने से वह सच नहीं हो जाता है। इस विषय पर काफ़ी बात हो चुकी है, अब इसे समाप्त समझा जाये। <br /><br /><i>यह पोस्ट पहेली की है। यदि आपको किसी प्रश्न का उत्तर पता है तो उसे लिखिये और यहाँ पर फ़िजूल का स्पैम छोड़ने से बचिये, यही मेरा विनम्र निवेदन है।</i></b>Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-14831541941880626422012-01-07T17:27:55.174+05:302012-01-07T17:27:55.174+05:30hum jaise alpagya is tarah ke sant-sang ka labh le...hum jaise alpagya is tarah ke sant-sang ka labh le pa rahe.....kotisha: abhar evam subhkamnaye..<br /><br />pranam ap sabko...सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-12588758156191452882012-01-07T11:19:57.954+05:302012-01-07T11:19:57.954+05:301.
2. रोजा पार्क्स। अमेरिका की प्रसिद्ध मानव अधिक...1. <br />2. रोजा पार्क्स। अमेरिका की प्रसिद्ध मानव अधिकार कार्यकर्ता, रंगभेद के खिलाफ अपने महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए विश्वप्रसिद्ध । इनके एक श्वेत के लिए बस में सीट छोड़ने से इंकार की घटना विशेष रूप से प्रसिद्ध है। <br />3॰ पिष्ट पशु<br />4॰ थ <br />5. थ <br />6. फ़ौजा सिंह।Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-61071828565008031892012-01-07T09:41:22.292+05:302012-01-07T09:41:22.292+05:30प्रिय तपन,
तुम्हारे सुझाव और सलाह का स्वागत है। भ...प्रिय तपन,<br /><br />तुम्हारे सुझाव और सलाह का स्वागत है। भविष्य में हम इस बात का ध्यान रखने की पूरी कोशिश करेंगे कि लेख सरल हिन्दी में हों और ज़्यादा से ज़्यादा लोग उन्हें पढ और समझ सकें। आगे भी तुम्हारे फ़ीडबैक का इंतज़ार रहेगा।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-27934222165982625932012-01-07T00:55:39.541+05:302012-01-07T00:55:39.541+05:30अपवाद को सर्वमान्य और सर्वकालिक नियम जो मानता है उ...अपवाद को सर्वमान्य और सर्वकालिक नियम जो मानता है उसके लिए कुछ भी कहना उचित नहीं होगा. ईश्वर सद्बुद्धि दे.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-5866201318198290282012-01-07T00:41:45.490+05:302012-01-07T00:41:45.490+05:30अनुराग जी,
आप मुझसे बड़े हैं पर एक सलाह देना चाहू...अनुराग जी,<br /><br />आप मुझसे बड़े हैं पर एक सलाह देना चाहूँगा.. क्षमा कीजियेगा...<br /><br />निरामिष के मैंने तीन-चार लेख पढ़े हैं... पर ब्लॉग की हिन्दी काफ़ी कठिन है...बताता हूँ क्यों...<br />इस ब्लॉग को उन्हें भी पढ़ना चाहिये जो हिन्दी में अखबार/साईट नहीं पढ़ते.. वैसे ही हिन्दी पढ़ने वालों की संख्या कम है... ऊपर से जटिल हिन्दी देख कर वही पूरा लेख पढ़ेगा जो सही में हिन्दी-प्रेमी हो.. <br />मान लीजिये मैं इस लेख को आगे अपने मित्रों में भेजूँगा तो मैं यकीन से कह सकता हूँ कि शायद ही कोई इक्का दुक्का ही इस पढ़ पायेगा.. यानि जो आप बताना चाहते थे..वे बात नहीं बता पाये..<br /><br />जैसे "अल्पकाल" को "थोड़े समय में" लिखा जा सकता था... <br /><br />दूसरी अहम बात.. आप अपने ब्लॉग को अधिक पाठकों तक पहुँचाने के लिये शीर्षक को हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में लिखिये, इससे आपके लेख का URL अंग्रेजी में बनेगा और गूगल आदि सर्च इंजन आसानी से आप तक पहुँच पायेंगे...और आपकी बात भी..<br /><br />आशा है मैंने कोई छोटा मुँह बड़ी बात नहीं की होगी...<br /><br />धन्यवाद,<br />तपन शर्मातपन शर्मा Tapan Sharmahttps://www.blogger.com/profile/02380012895583703832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-4659784691675799232012-01-07T00:14:50.682+05:302012-01-07T00:14:50.682+05:30पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ। बेहतरीन प्रयास कर ...पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ। बेहतरीन प्रयास कर रहे हैं आप लोग.. अनुराग जी को तो पढ़ते ही रहते हैं, आज उन्हीं के कारण यहाँ तक पहुँचा...<br /><br />सराहनीय!!<br /><br />मैं शुद्ध शाकाहारी हूँ (अंडे को माँसाहार में गिनता हूँ...:-) )<br />पहेली कठिन लगी.. :-)तपन शर्मा Tapan Sharmahttps://www.blogger.com/profile/02380012895583703832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-74512974242451943082012-01-06T21:14:12.169+05:302012-01-06T21:14:12.169+05:30@सुज्ञ जी और @Smart Indian - स्मार्ट इंडियन जी,
आ...@सुज्ञ जी और @Smart Indian - स्मार्ट इंडियन जी,<br /><br />आप दोनों से क्षमा चाहूँगा की आपकी मूल पोस्ट्स के विषय में टिप्पणी करने की जगह ऐसी टिप्पणियाँ करनी पड़ रहीं हैं लेकिन क्या करें -<br /><br /><b>" जमाल जी हैं की मानते नहीं "</b>आखिर कौन है ये नरेंद्र मोदी https://www.blogger.com/profile/00599233479119409630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-58095503394233279782012-01-06T21:13:14.938+05:302012-01-06T21:13:14.938+05:30अलग अलग शाकाहारियों का मेन्यू अलग अलग होता है। इसम...<i>अलग अलग शाकाहारियों का मेन्यू अलग अलग होता है। इसमें कौन सी बात मूर्खतापूर्ण है भाई साहब ?<br />कोई दूध को शाकाहार में गिनता है और कोई मांसाहार में। यही बात मछली के बारे में भी है।</i><br /><br />@DR. ANWER JAMAL जी ,<br /><br />आप किसी ओर की नहीं अपनी बात करें की आप दूध ओर मछली को मांसाहार में गिनते हैं या शाकाहार में ,अगर किसी ओर की ही बात करनी है तो आपके इस कुतर्क पर तो पलटकर ये कुतर्क भी दिया जा सकता है की आज बहुत से लोग इस्लाम को आतंकवाद का जनक मानते हैं <br />तो इसे आप समझदारी कहेंगे या मूर्खता ?? क्या आप इसे अज्ञानता एवं मूर्खता नहीं कहेंगे या फिर यहाँ भी आप diplomatic होकर कहेंगे की ये उनका अपना मेन्यू ( or dictionery ) है और आपको उनकी इस राय पर कोई आपत्ति नहीं है <br /><br />मुझे तो आपके दूध को मांसाहार और मछली को शाकाहार में गिनने में घोर आपत्ति है और वही मैं आपके समक्ष दर्ज करवा रहा हूँ <br /><br />आपके जैसा ही कुतर्क बेनजीर भुट्टो ने भी कश्मीर के आंतकवादियों की हिंसक गतिविधियों का समर्थन करते हुए दिया था की भारतीयों के लिए भले ही ये आंतकवाद हो लेकिन हमारे मुताबिक़ तो ये आजादी की लड़ाई है <br /><br />यहाँ भी उनका मेन्यू अलग था और भारत का अलग लेकिन जब वैसी ही हिंसक गतिविधियां उनके अपने घर पाकिस्तान में होनी शुरू हुई तब उन्हें आंतकवाद और आजादी की लड़ाई के बीच में फर्क महसूस हुआ <br /><br />इसलिए कृपया अर्थ का अनर्थ करने से बचें और चीज़ों को उनकी मूल प्रकर्ति के अनुरूप ही प्रयुक्त करें <br /><br />बाकी detail में तो भाई @अमित शर्मा ने आपको समझा ही दिया है और संक्षिप्त में उन्ही की टिप्पणी की एक पंक्ति जो की मुझे आपके लिए उपयुक्त प्रतीत हुई वो यहाँ दे रहा हूँ <br /><br /><b>" थोथा ज्ञानाभिमानी वास्तव में निरक्षरभट्टाचार्य से भी गया बीता होता है "</b>आखिर कौन है ये नरेंद्र मोदी https://www.blogger.com/profile/00599233479119409630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-30788544990713215572012-01-06T20:25:45.897+05:302012-01-06T20:25:45.897+05:30शाकाहार के पक्ष में मेरा समर्थन हमेशा रहेगा।शाकाहार के पक्ष में मेरा समर्थन हमेशा रहेगा।Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-57316855451070677302012-01-06T18:19:39.243+05:302012-01-06T18:19:39.243+05:30रोचक प्रतियोगिता!रोचक प्रतियोगिता!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5771967989998427826.post-27462187420640259612012-01-06T16:49:02.704+05:302012-01-06T16:49:02.704+05:30आपका प्रयास तो अत्यंत ही सराहनीय है ....हम शाकाहार...आपका प्रयास तो अत्यंत ही सराहनीय है ....हम शाकाहारियों को बहुत कुछ जानने का मौका मिल रहा है ,साथ ही इस ब्लॉग के माध्यम से और लोग भी चाहें तो भरपूर लाभ उठा सकते हैं .रेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.com