शनिवार, 1 जनवरी 2011

शाकाहार निरूपण

आरोग्य वर्धक (स्वास्थ्यप्रद शाकाहार) 
  1. स्वस्थ व दीर्घ जीवन का आधार है शाकाहार। 
  2. आरोग्य संवर्धक है शाकाहार। 
  3. विश्व स्वास्थ्य शाकाहार में निहित है। 
  4. रोगप्रतिरोध शक्तिवर्धक है शाकाहार। 
सभ्य-खाद्याचार (सुसंस्कृत सभ्य आहार) 
  1. अप्राकृतिक भोज्य विकृति का सुसंस्कृत रूप है शाकाहार । 
  2. आदिमयुग से विकास और सभ्यता की धरोहर है शाकाहार। 
  3. शाकाहारी संस्कृति का संरक्षण ही हमारी सुरक्षा है। 
  4. मानवीय जीवन-मूल्यों का संरक्षक है शाकाहार। 
तर्कसंगत-विकल्प (सर्वांग न्यायसंगत) 
  1. प्रागैतिहासिक मानव, प्राकृतिक रूप से शाकाहारी ही था। 
  2. मनुष्य की सहज वृति और उसकी कायिक प्रकृति दोनो ही शाकाहारी है।
  3. मानव शरीर संरचना शाकाहार के ही अनुकूल। 
  4. शाक अभावग्रस्त दुर्गम क्षेत्रवासी मानवो का अनुकरण मूर्खता!!
  5. सभ्यता व विकास मार्ग का अनुगमन या भीड़ का अंधानुकरण? 
  6. यदि अखिल विश्व भी शाकाहारी हो जाय, सुलभ होगा अनाज!!
  7. भुखमरी को बढाते ये माँसाहारी और माँस-उद्योग!!
  8. शाकाहार में भी हिंसा? एक बड़ा सवाल !!! 
  9. हिंसा का अल्पीकरण करने का संघर्ष भी अपने आप में अहिंसा है। 
  10. प्रोटीन प्रलोभन का भ्रमित दुष्प्रचार।
  11. विटामिन्स का दुष्प्रचार।
  12. उर्ज़ा व शक्ति का दुष्प्रचार। 
"निर्जर निरामिष" - अमृत है शाकाहार
"निरोगी निरामिष" - स्वास्थ्यप्रद है शाकाहार
"निर्विकार निरामिष" - विकार रहित है शाकाहार
"निरापद निरामिष" - आपदा रहित है शाकाहार
"निसर्गमित्र निरामिष" - पर्यावरण मित्र है शाकाहार
"निर्मल निरामिष" - शुद्ध सात्विक है शाकाहार

5 टिप्‍पणियां:

  1. हर ओर सुख, शान्ति व समृद्धि का मूल शाकाहार है...
    जीवन जीने देने का पुण्य कर्म शाकाहार है...

    बहुत सही बात कही है आपने...

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  2. बहुत सुंदर पंक्तियाँ..... सभी अपने आप में पूर्ण हैं.......

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  3. अहिंसा और शाकाहार के इस सुन्दर निरूपण के लिये आभार! निरामिष जीवन शैली न केवल स्वास्थ्यवर्धक है बल्कि उसमें संसार का कल्याण भी छिपा है।

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  4. शाकाहार शैली सात्विक जीवन आचार है

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