[इस आलेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है जो कि हमारे विश्वास में सही और सटीक है परंतु किसी भी प्रकार की चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है। विभिन्न भोज्य पदार्थ अशुद्धियों या अन्य आंतरिक या बाह्य कारणों से शरीर को हानि पहुँचा सकते हैं। कृपया अपने विवेक का प्रयोग अवश्य करें।]
मिर्च से हम सभी भली-भांति परिचित हैं। वह भारतीय भोजन का अभिन्न अंग है। मिर्च-करौन्दे की सब्ज़ी हो या भरवाँ पहाड़ी मिर्च, मिर्च का स्वाद मेरे मन से कभी उतरा ही नहीं। मिर्च के गुण उसके स्वाद तक सीमित नहीं हैं। पोषक तत्वों से भरपूर विभिन्न जातियों की मिर्चें हमें अनेक प्रकार से पोषण प्रदान करती हैं। हरी, पीली, बैंगनी, लाल रंगों से चमकती लुभावनी मिर्चों में पाये जाने वाले विभिन्न पादप-रसायन (phytonutrient) हमें रोग-प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करते हैं। कच्ची मिर्च अपने क्लोरोफ़िल के कारण हरे रंग की होती है और बाद में अपनी जाति के अनुसार लाल, पीली या अन्य रंग की हो जाती है क्योंकि इथाइलिन (ethylene) व औक्सिन (auxin) जैसे रसायनों की सहायता से क्लोरोफ़िल रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा विघटित होकर अन्य यौगिकों का निर्माण करता है। मिर्च का फल पकने के साथ-साथ उसके तीखेपन में कमी आती है क्योंकि उसमें पाये जाने वाले माड़ व जैविक अम्ल शर्करा में बदलते हैं।
मिर्च के प्राकृतिक रंगों में पाये जाने वाले कुछ पोषक तत्व:
पौष्टिक तत्वों की बात आने पर प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट व वसा की बात तो होती ही है। उसके बाद अल्प मात्रा में आवश्यक यौगिकों में विटैमिन का ज़िक्र भी आता है। इसके साथ ही शरीर को अत्यल्प मात्रा में विभिन्न खनिजों और अमीनो-अम्लों की भी आवश्यकता भी पड़ती है। मिर्च के विभिन्न प्रकारों से हमें पोटेशियम (potassium), मैग्नीशियम (magnesium), मैंगनीज़ (manganese), मॉलिब्डेनम(molybdenum), ताम्र (copper), कैल्शियम (Calcium ), कोबॉल्ट (cobalt), लौह (iron) व जस्ता (zinc) प्राप्त होते हैं जो कि हमें स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
100 ग्राम मिर्च में पाये जाने वाले तत्व - एक वयस्क की दैनिक आवश्यकता के प्रतिशत के रूप में:
मिर्च की चर्पराहट उसके खोल के भीतरी भाग में पाये जाने वाले तत्व कैस्पेइसिन (capsaicin) के कारण होता है जिसकी जलनकारी अनुभूति दुग्ध-प्रोटीन द्वारा कम की जा सकती है। मिर्च की तेज़ी को स्कॉविल इकाई में मापा जाता है। विश्व की सबसे तेज़ मिर्च पूर्वोत्तर भारत में पाई जाने वाली तेज़पुर मिर्च या भूत जोलोकिया है जिसका नामकरण मिर्च के एक संस्कृत नाम भोजोलक का अपभ्रंश समझा जाता है।
मिर्च से हम सभी भली-भांति परिचित हैं। वह भारतीय भोजन का अभिन्न अंग है। मिर्च-करौन्दे की सब्ज़ी हो या भरवाँ पहाड़ी मिर्च, मिर्च का स्वाद मेरे मन से कभी उतरा ही नहीं। मिर्च के गुण उसके स्वाद तक सीमित नहीं हैं। पोषक तत्वों से भरपूर विभिन्न जातियों की मिर्चें हमें अनेक प्रकार से पोषण प्रदान करती हैं। हरी, पीली, बैंगनी, लाल रंगों से चमकती लुभावनी मिर्चों में पाये जाने वाले विभिन्न पादप-रसायन (phytonutrient) हमें रोग-प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करते हैं। कच्ची मिर्च अपने क्लोरोफ़िल के कारण हरे रंग की होती है और बाद में अपनी जाति के अनुसार लाल, पीली या अन्य रंग की हो जाती है क्योंकि इथाइलिन (ethylene) व औक्सिन (auxin) जैसे रसायनों की सहायता से क्लोरोफ़िल रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा विघटित होकर अन्य यौगिकों का निर्माण करता है। मिर्च का फल पकने के साथ-साथ उसके तीखेपन में कमी आती है क्योंकि उसमें पाये जाने वाले माड़ व जैविक अम्ल शर्करा में बदलते हैं।
मिर्च के प्राकृतिक रंगों में पाये जाने वाले कुछ पोषक तत्व:
- पीला - ल्यूटिन (lutein), ज़ीयज़ैंथिन (zeaxanthin) [दोनों तत्व दृष्टि के लिये लाभप्रद हैं।]
- लाल - ऐस्टज़ैंथिन (astaxanthin) [हृदय व प्रतिरोधक क्षमता], लाइकोपीन (lycopene) [कैंसर, विशेषकर प्रोस्टेट कैंसर से बचाव]
- नारंगी - कैरोटीन (alpha, beta and gamma carotene)
- बैंगनी - एंथोसायनिन (anthocyanin)
- हरा - क्लोरोफ़िल (Chlorophyll)
मिर्च की तीन सबसे तेज़ प्रजातियाँ |
100 ग्राम मिर्च में पाये जाने वाले तत्व - एक वयस्क की दैनिक आवश्यकता के प्रतिशत के रूप में:
- विटामिन सी (Ascorbic acid) - 240%
- विटामिन B6 (Pyridoxine) - 39%
- विटामिन ए - 32%
- लौह - 13%
- ताम्र - 14%
- पोटेशियम - 7%
- कैल्शियम - 1%
- भोज्य रेशे - 3%
सबसे तेज़ मिर्च का अचार |
[सभी चित्र: अनुराग शर्मा द्वारा]
बहुत अच्छी जानकारी देती पोस्ट.... आभार
जवाब देंहटाएंमिर्च के बारे में पहली बार इतनी जानकारी मिली।
जवाब देंहटाएंबहुत ही उपयोगी जानकारी है
जवाब देंहटाएंपहली बार जाना कि मसालों में और वह भी मात्र मिर्च में भी गज़ब के पोषक तत्व विद्यमान है।
जवाब देंहटाएंऐसी मिर्ची तो लगनी ही चाहिए…… :)
बहुत ही श्रमसाध्य जानकारी उपलब्ध करवाई है आपने, आभार अनुराग जी।
बहुत सुन्दर जानकारीप्रद लेख| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी देने के लिए आभार आपका ..
जवाब देंहटाएंबोरियत भरी जिन्दगी में एक मिरच का अपना महत्ततव होता है जी http://rajey.blogspot.com/2011/10/blog-post.html
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी देती पोस्ट.... आभार
जवाब देंहटाएंNICE.
जवाब देंहटाएं--
Happy Dushara.
VIJAYA-DASHMI KEE SHUBHKAMNAYEN.
--
MOBILE SE TIPPANI DE RAHA HU.
ISLIYE ROMAN ME COMMENT DE RAHA HU.
Net nahi chal raha hai.
Aapka blog upyogi jankariyon se paripurn hai. Navratri ki hardik subhkamna
जवाब देंहटाएंमहत्वपूर्ण जानकारी पसंद आई! !
जवाब देंहटाएंएक नयी तरह की जानकारी है
जवाब देंहटाएंवैसे लेख के ऊपर नोट लगाना भी बहुत जरूरी था :)
शीर्षक पसंद आया भाई जी !
जवाब देंहटाएं:-)
शुभकामनायें आपको !
विषयांतर के लिए क्षमा लेकिन क्या आप में से कोई इस बारे में कोई पुख्ता वेरिफाइड जानकारी दे सकते हैं
जवाब देंहटाएंइस लिंक पर जाएँ
http://www.newsbunch.com/?p=2639
गौरव,
जवाब देंहटाएंतुम्हारे सवाल में दो सवाल हैं:
1. क्या उस सूची के पदार्थ मांसाहारी हैं?
2. क्या शाकाहारी सूचित भोज्य पदार्थों में वह मांसाहारी तत्व है?
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हम एक उदाहरण लेते हैं, फिर आप चाहें तो आगे बढें:
उस सूची में पहला नाम E100 है जो कि हल्दी से निकाला जाने वाला पीला रंग है। अधिक जानकारी यहाँ है: http://www.ukfoodguide.net/e100.htm
यहाँ काफ़ी लम्बी सूची है, कृपया कंफ़र्म करो और फिर एक आलेख लिखकर सबका ज्ञानवर्धन करो: http://www.ukfoodguide.net/enumeric.htm
जवाब देंहटाएंजैसे अविश्वसनीय भोजन त्यागना चाहिये वैसे ही अविश्वसनीय समाचार स्रोत भी।
कोई ऐसा प्रमाणीक सन्दर्भ चाहिए कि कोई विशेष ई-नम्बर मात्र और मात्र प्राणीजन्य पदार्थ से प्राप्त दृव्य ही है। अन्यथा कोई दृव्य प्राणीजन्य और वनस्पति दोनो स्रोत से प्राप्त किया जा सकता है तो उत्पादन संदेह का लाभ उठा लेते है।
जवाब देंहटाएंखैर पूर्णरूपेण सात्विक बंधु संदेहास्पद को ग्रहण करने की जगह त्याग का ही विवेक रखते है।
इसपर शोध और प्रमाणिक जानकारियों की अपेक्षा है।
@ जैसे अविश्वसनीय भोजन त्यागना चाहिये वैसे ही अविश्वसनीय समाचार स्रोत भी।
जवाब देंहटाएंबिलकुल ठीक कहा आपने , जो लिंक्स आपने दिए हैं , महत्वपूर्ण हैं
@ इस पर शोध और प्रमाणिक जानकारियों की अपेक्षा है।
सारे एंगल्स से इस बात को अच्छी तरह चेक करने की कोशिश रहेगी
अनुराग जी , सुज्ञ जी
आप दोनों की प्रतिक्रियाओं के लिए आभारी हूँ
गौरव जी,
जवाब देंहटाएंइस विषय पर आपकी शोध और परिणामों का इन्तज़ार रहेगा।
और आपका यह योगदान निरामिष के लिए अमूल्य होगा।
बहुत बहुत आभार!!
बहुत ही उपयोगी जानकारी थी जो हमने पूर्व में नहीें देखी थी अन्यथा लिंक दे देता। आभार ।
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