विश्वं समित्रिणं दह"जिसकी लाठी उसकी भैंस" का मुहावरा जंगल राज में सही साबित होता है। किसी कानूनी व्यवस्था के अभाव में बड़ी मछली छोटी मछली को निगल जाती है। लेकिन सभ्यता और संस्कृति की बात ही कुछ और है। समाज जितना अधिक सभ्य होता जाता है असहायों को अपनी रक्षा की निरंतर चिंता करने की आवश्यकता उतनी ही कम होती जाती है। सभ्यता के विस्तार के साथ ही समाज में अहिंसा भी व्यापक होती जाती है। आज यदि हम विश्व पर एक नज़र दौड़ायें तो स्पष्ट हो जायेगा कि अविकसित समाजों में आज भी हिंसा का बोलबाला है जबकि विकास और अहिंसा हाथ में हाथ डाले नज़र आते हैं।
(ऋग्वेद 1/36/2/14)
सर्वभक्षी रोगाग्नि में जलते हैं
क्यूबैक का एक परिवार गांधी जी के साथ |
अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, और भूटान ने इस प्रस्ताव को अपनी सम्मति देकर अहिंसा के महत्व को स्वीकारा ही, भारत उपमहाद्वीप से बाहर के प्रमुख राष्ट्रों जैसे रूस, चीन, ब्रिटेन, फ़्रांस और जर्मनी आदि ने भी इस प्रस्ताव का दिल खोलकर स्वागत किया था। कुल 120 राष्ट्रों की सहमति से पारित हुआ "वैश्विक अहिंसा" का यह प्रस्ताव पिछले पाँच वर्षों से लगातार दुनिया भर के लोगों को अहिंसा और प्रेम का सन्देश दे रहा है।
आइये आज 2 अक्टूबर को एक बार फिर प्रण करें कि अपने जीवन से क्रूरता को बाहर करके मन वचन कर्म से अहिंसा, भूतदया और प्रेम का मार्ग अपनायेंगे, न हिंसा करेंगे और न ही उसमें प्रत्यक्ष या परोक्ष सहयोग करेंगे।
अहिंसा परमो धर्मः!
आज विश्व अहिंसा दिवस के परम पावन अवसर पर आपका यह सँदेश मरूस्थल मेँ मीठे शीतल जल के सोते के समान है. समग्र विश्व मे सुख स्ंतुष्टि की शुभभावना का प्रसँग है. ऐसे सात्विक विचारो का विश्व मेँ प्रसार हो यही मँगल कामना.
जवाब देंहटाएंसँदेश मेँ अमृतबिन्दु है,
"सभ्यता के विस्तार के साथ ही समाज में अहिंसा भी व्यापक होती जाती है।"
प्रण करें कि अपने जीवन से क्रूरता को बाहर करके मन वचन कर्म से अहिंसा, भूतदया और प्रेम का मार्ग अपनायेंगे, न हिंसा करेंगे और न ही उसमें प्रत्यक्ष या परोक्ष सहयोग करेंगे।
प्रार्थना करेँ कि जगत मेँ दया, अनुकम्पा, करूणा व क्षमा के जीवन मूल्योँ मेँ अभिवृद्धि हो.
बढ़िया सन्देश दिया है आपने.
जवाब देंहटाएंमन वचन कर्म से अहिंसा, भूतदया और प्रेम का मार्ग अपनायेंगे, न हिंसा करेंगे और न ही उसमें प्रत्यक्ष या परोक्ष सहयोग करेंगे।
जवाब देंहटाएंआमीन !
हम तो खैर पहले से ही मानते हैं !
सबको यह संकल्प लेना चाहिये..
जवाब देंहटाएं@ अपने जीवन से क्रूरता को बाहर करके मन वचन कर्म से अहिंसा, भूतदया और प्रेम का मार्ग अपनायेंगे, न हिंसा करेंगे और न ही उसमें प्रत्यक्ष या परोक्ष सहयोग करेंगे।
जवाब देंहटाएंइस सन्देश में ही अहिंसा की असल परिभाषा है | आभार आपका |
अहिंसा सूक्त
जवाब देंहटाएं"अहिंसा सकलो धर्मः।" (अनुशासन पर्व- महाभारत)
भावार्थ:- सभी प्रकार की धार्मिक और सात्विक प्रवृत्तियों का समावेश केवल अहिंसा में हो जाता है।
"अहिंसा परो दमः।" (अनुशासन पर्व- महाभारत)
भावार्थ:- अहिंसा ही सर्वश्रेष्ठ आत्मनिग्रह है।
"अहिंसा परमं दानः।" (पद्म-पुराण)
भावार्थ:- अहिंसा स्वरूप अभयदान ही परम दान है।
"अहिंसा परमं तपः।" (योग-वशिष्ट)
भावार्थ:- अहिंसा ही सबसे बड़ी तपस्या है।
"अहिंसा परमं ज्ञानम्।" (भागवत-स्कंध)
भावार्थ:- अहिंसा ही सर्वश्रेष्ठ ज्ञान है।
"अहिंसा परमं पदम्।" (भागवत-स्कंध)
भावार्थ:- अहिंसा ही सर्वोत्तम आत्मविकास अवस्था है।
"अहिंसा परमं ध्यानम्।" (योग-वशिष्ट)
भावार्थ:- अहिंसा की परिपालना ही उत्कृष्ट ध्यान है।
"अहिंसैव हि संसारमरावमृतसारणिः।" (योग-शास्त्र)
भावार्थ:- अहिंसा ही संसार रूप मरूस्थल में अमृत का मधुर झरना है।
"रूपमारोग्यमैश्वर्यमहिंसाफलमश्नुते।" (बृहस्पति स्मृति)
भावार्थ:- सौन्दर्य, नीरोगता एवं एश्वर्य सभी अहिंसा के फल है।
"अहिंसया च भूतानानमृतत्वाय कल्पते।" (मनु-स्मृति)
भावार्थ:- अहिंसा के फल स्वरूप प्रणियों को अमरत्व पद की प्रप्ति होती है।
"ये न हिंसन्ति भूतानि शुद्धात्मानो दयापराः।" (वराह-पुराण)
भावार्थ:- जो प्राण-भूत जीवों की हिंसा नहीं करते वे ही आत्माएं पवित्र और दयावान है।
जवाब देंहटाएंआपकी नायाब पोस्ट और लेखनी ने हिंदी अंतर्जाल को समृद्ध किया और हमने उसे सहेज़ कर , अपने बुलेटिन के पन्ने का मान बढाया उद्देश्य सिर्फ़ इतना कि पाठक मित्रों तक ज्यादा से ज्यादा पोस्टों का विस्तार हो सके और एक पोस्ट दूसरी पोस्ट से हाथ मिला सके । । टिप्पणी को क्लिक करके आप सीधे बुलेटिन तक पहुंच सकते हैं और अन्य सभी खूबसूरत पोस्टों के सूत्रों तक भी । बहुत बहुत शुभकामनाएं और आभार । शुक्रिया
पूरे विश्व को आवश्यकता है आज इस संकल्प की.... बापू को नमन
जवाब देंहटाएंसहज सुंदर अनमोल भाव ...पहला कदम स्वयं से ...हम भी दृढ़ प्रतिज्ञ है ...!!
जवाब देंहटाएंआभार ॥!!
विश्व अहिंसा दिवस पर भारतभूमि की अहिंसक पुण्यपरंपरा का ध्यान धरते हुये "अहिंसा परमोधर्म" का उद्घोष करना स्वाभाविक ही है। सभी का आभार!
जवाब देंहटाएंआपका पोस्ट बहुत अच्छा है, धन्यवाद ! अगर किसी को SEO के बारे में अंग्रेजी में जानकारी चाहिए तो आप इस What-is-SEO-Search-Engine-Optimization पोस्ट को पढ़ सकते हैं |
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आपका पोस्ट बहुत अच्छा है, धन्यवाद ! Nadi Shabd Roop in Sanskrit with hindi meaning
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