माँसाहार से आने वाले क्षणिक आवेश और उत्तेजना को उत्साह और शक्ति मान लिया जाता है। जबकि वह आवेग मात्र होता है विशिष्ट खोजों के द्वारा यह भी पता चला है कि जब किसी जानवर को मारा जाता है तब वह आतंक व वेदना से भयभीत हो जाता है उसका शरीर मरणांतक संघर्ष करता है परिणामस्वरूप उत्तेजक रसायन व हार्मोन उसके सारे शरीर में फैल जाते हैं और वे आवेशोत्पादक तत्व मांस के साथ उन व्यक्तियों के शरीर में पहुँचते हैं, जो उन्हें खाते हैं।
दिल्ली के राकलैंड अस्पताल की मुख्य डायटीशियन सुनीता कहती हैं कि माँसाहार के लिए जब पशुओं को काटा जाता है तो उनमें कुछ हार्मोनल बदलाव होते हैं। ये हार्मोनल प्रभाव माँसाहार का सेवन करने वालों के शरीर में भी पहुँच जाते हैं।
जीव या पशु संरचना पर ध्यान देने पर हम देखते हैं कि सर्वाधिक शक्तिशाली, परिश्रमी, व अधिक सहनशीलता वाले पशु जो लगातार कई दिन तक काम कर सकते हैं, जैसे हाथी, घोडा, बैल, ऊँट, आदि सब शाकाहारी होते हैं। इग्लेंड में परीक्षण करके देखा गया है कि स्वाभाविक माँसाहारी शिकारी कुत्तों को भी जब शाकाहार पर रखा गया तो उनकी बर्दाश्त शक्ति व क्षमता में वृद्धि हुई।
मांसाहार में कोई शक्ति नहीं, वह अल्पकालिक आवेश मात्र है।
दिल्ली के राकलैंड अस्पताल की मुख्य डायटीशियन सुनीता कहती हैं कि माँसाहार के लिए जब पशुओं को काटा जाता है तो उनमें कुछ हार्मोनल बदलाव होते हैं। ये हार्मोनल प्रभाव माँसाहार का सेवन करने वालों के शरीर में भी पहुँच जाते हैं।
जीव या पशु संरचना पर ध्यान देने पर हम देखते हैं कि सर्वाधिक शक्तिशाली, परिश्रमी, व अधिक सहनशीलता वाले पशु जो लगातार कई दिन तक काम कर सकते हैं, जैसे हाथी, घोडा, बैल, ऊँट, आदि सब शाकाहारी होते हैं। इग्लेंड में परीक्षण करके देखा गया है कि स्वाभाविक माँसाहारी शिकारी कुत्तों को भी जब शाकाहार पर रखा गया तो उनकी बर्दाश्त शक्ति व क्षमता में वृद्धि हुई।
मांसाहार में कोई शक्ति नहीं, वह अल्पकालिक आवेश मात्र है।
बिलकुल सही बात !!
जवाब देंहटाएंExcellent explanation!
जवाब देंहटाएंलम्बे चलना हो तो शाकाहार..
जवाब देंहटाएंभुने काजू की प्लेट, विस्की का गिलास, विधायक निवास, रामराज - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत आभार!!
हटाएंमांसाहार में कोई शक्ति नहीं .
जवाब देंहटाएंशाकाहार, मतलब लम्बी रेस का घोड़ा ... सबसे आगे, सदैव ...
जवाब देंहटाएंमुझ जैसे(शाकाहारी) लोगों को आपकी ये पोस्ट पढ़कर जरूर खुशी होगी |
जवाब देंहटाएंसादर
क्षणिक ऊर्जा और तात्कालिक स्फूर्ति आदि मांसाहारियों के जस्टिफिकेशन है... जैसे हर सिगरेट पीने वाला यह कहता हुआ पाया जाता है कि इससे उनकी सृजनशीलता में वृद्धि होती है.. या फिर बिना मद्यपान किये संगीत की धुन ही नहीं बनती या गायन ही संभव नहीं..!
जवाब देंहटाएंप्रचलित शब्दों में जो शाकाहार है, उसी का अनुभव है तो उस आधार पर इतना कह सकता हूँ कि अपना काम इससे बढ़िया चल जाता है।
जवाब देंहटाएंमांसाहार में कोई शक्ति नहीं .. इस उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए आभार
जवाब देंहटाएंबहुत ज़रूरी बिंदु है यह शाकाहार के महत्व को समझने के लिए
जवाब देंहटाएंgyan vardhak prastuti, yadi lamba safar tai karna hai to es lekh par vichar awashy kare
जवाब देंहटाएंमांसाहार में कोई शक्ति नहीं, वह अल्पकालिक आवेश मात्र है।
जवाब देंहटाएंसही कहा। प्रभावी लेख |
पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.