गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

जीवदया का अनुरोध - पाकिस्तान में


जहाँ मानवता है वहाँ करुणा, दया और पशुप्रेम की बात होना स्वाभाविक ही है। कभी भारत का अंग रहा पाकिस्तानी भूभाग भले ही अधिकांशतया हिंसक घटनाओं के लिए खबरों में रहता हो, समय के साथ वहाँ भी कुछ सुखद परिवर्तन आ रहे हैं। मुल्तान स्थित "पाकिस्तान पशु रक्षा आंदोलन" इसी प्रकार का सुधार आंदोलन है जो देश भर में प्रेम और दया बढ़ाने को प्रयासरत है। इसी आंदोलन के अध्यक्ष श्री खालिद मुहम्मद कुरैशी की एक अपील का हिन्दी अनुवाद यहाँ प्रस्तुत है।
हम परोपकार चाहते हैं, प्रेम चाहते हैं, तो हमें उसे अपने कर्म में अपनाना पड़ेगा। हम एक दूसरे से प्रेम करें, और एक दूसरे के प्रति, सबके प्रति परोपकार अपनाएं. पशुओं और मानवमात्र के प्रति हिंसा करने का अर्थ तो यही निकलता है कि हमें प्रेम और अनुकंपा नहीं चाहिए, शांति नहीं चाहिए। प्रकृति का नियम है कि यदि हम हत्या करते हैं, यदि हम अन्य जीवों के प्रति हिंसा करते हैं तो हम अपनी आत्मिक श्रेष्ठता नष्ट कराते हैं। हम जितना अधिक जीव-भक्षण करते हैं, अपनी आत्मिक श्रेष्ठता में उतने ही निर्धन होते जाते हैं, हमारा आत्म-बल नष्ट होता जाता है। और जब हमारा आत्म-बल चुकने लगता है, तो उसका मूल्य हम अपने और अपने परिवारजनों के स्वास्थ्य, मानसिक शांति और भाग्य से चुकाते हैं। बात यहीं नहीं रुकती, अपनी और परिजनों की मानसिक शांति चुकने के बाद पहले हमारे परिवेश की और फिर संसार की शांति को खतरा उत्पन्न होता है। खाने के नाम पर पशु हत्या करने पर हम मानो धरती की ही हत्या करते हैं, और इस तरह एक प्रकार से हम हत्यारे बनते हैं। हत्यारे नहीं, नायक बनिए। भक्षक नहीं, रक्षक बनिए। धरती ग्रह की रक्षा कीजिये। पशु हत्या और पशु भक्षण के क्रूरकर्म में भागीदार न बनें ...

खालिद मुहम्मद कुरैशी.
अध्यक्ष,
पाकिस्तान पशुरक्षा आन्दोलन
1094/2 हुसैन अगाही, मुल्तान-60000
दूरभाष +92 300 7368557

13 टिप्‍पणियां:

  1. विश्वास नहीं होता,हिंसा के कादव के बीच करूणा का कमल खिलता है.हिरण्याकश्यप के घर में प्रहलाद जन्म लेते है.मुल्तानी माटी का कमाल है. नेकदिल पशुप्रेमी खालिद मुहम्मद कुरैशी जी का अभिनंदन!! उन पर और उनके इस महत्तम जीवदया कार्य पर खुदा की रहमत रहे.जो जीवों पर रहम करते करवाते व करने में प्रोत्साहित करते है,श्रेष्ठ मानव है.मानव तन पाने की मानवीयता भरी जिम्मेदारी को प्रणाम!!

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  2. भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने आपकी पोस्ट " जीवदया का अनुरोध - पाकिस्तान में " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:

    अहा, इसे पढ़कर बड़ा ही सुखद आश्चर्य हुआ. इस व्यक्ति का सतत समर्थन करने व मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता है.

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  3. अच्छा लगा जानकर ..... आशा है ऐसे प्रयास सफल होंगें ....

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  4. Yakin nahin hota ki pakistan men aisi vichardhara wale log bhi haen,aise pashu premi khalim muhammad kureshi ji ka hardik abhinandan.unke aise har prayas ko hamara purna samarthan hae. Aakhir har prani ko jeene ka pura haq hae jab iswhwar ne use janam diya hae , to hum marne wale kaun hoten haen?Kureshiji tak hamari subh kamnayen pahunchayen.

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  5. बहुत ही सुखद है यह जानना कि मानवता का कमल हर ओर खिल रहा है ।

    आशा है यह शुभ पहल बहुत आगे जायेगी , अनेक मासूम जीवों के प्राणों की रक्षा हो सकेगी , और अनेक मानव इस महापाप को करने से बच सकेंगे ।

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  6. इस समाचार से सचमुच एक सुखद आश्चर्य हुआ। जीवदया पर मानवीय चिंतन करने वाले खालिद साहब के विचार पढ़कर महसूस हुआ सभी धर्मों का सर्वश्रेष्ठ गुण है ... कुछ उसे पहले से समझते हैं और कुछ उसे विलम्ब से समझ पाए। यदि खालिद साहब के विचारों से मुस्लिम वर्ग में क्रान्ति आ जाती है तो वर्तमान और भविष्य का सबसे नेक/ श्रेष्ठ काम होगा। तब मुझे सभी को सभी धर्म लगभग एक सामान नज़र आने लगेंगें। लाजवाब सूचना है। सूचना ही नहीं एक परोपकार किया इस सूचना ने ... 'एक वर्ग विशेष के प्रति मन में छिपी कलुषतायें ऐसे ही समाप्त होंगी।' काश, देवी-देवताओं के नाम पर बलि चढ़ाने वालों को भी कोई निर्देशित कर पाए!

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  7. अच्छा प्रयास, शुभकामनाएं

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  8. खालिद साहब के विचार न सिर्फ सराहनीय बल्कि अनुकरणीय हैं. अधिक से अधिक संख्या में हमें उनका समर्थन करना चाहिए.

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  9. मानव अपने मन की आवाज़ अवश्य सुनेगा

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  10. सुखद प्रेरक संदेश। इसे दुनिया भर में प्रचारित होना चाहिए।

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  11. सुखद प्रेरक संदेश। इसे दुनिया भर में प्रचारित होना चाहिए।

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  12. सुखद प्रेरक संदेश। इसे दुनिया भर में प्रचारित होना चाहिए।

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  13. सर नमस्ते,
    बहुत अच्छा लगा पढ़कर,यहाँ भारत मे बहुत से मुस्लिम संतुलित मांसाहार की पिपडी बजाते है ,मांसाहार संतुलित कैसे हो सकता? और बहुत अन्य धर्मीय भी अत्यधिक मांसाहार सेवन करते है ,ऐसे में आपका उभरना आशाएं उत्त्पन्न करता है,
    नमस्ते
    जयेंद्र

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