मेरे एक मित्र श्री गौरव जी गुप्ता ने फेसबुक पर एक वीडियो लिंक शेयर किया है. इसे देखने के बाद स्वयं निर्णय लीजिये कि क्या मांसाहार वाकई उचित है.
जगुप्सा पैदा करने वाले दृश्य है लेकिन विवशता है कि क्रूरता की हद जाने बिना हम सहजता से अहिंसा के महत्व को भी नहीं जान पाते। आहत-मन से इस वास्तविकता को प्रस्तुत किया जा रहा है।
-निरामिष
ओह! जिस कृत्य का वीडियो भी एक सामान्य व्यक्ति देख नहीं सकता उसे दिन मे कई बार अंजाम देने वाले लोग भी हैं - बल्कि पढ़-लिखकर, अपने को सभ्य या धार्मिक कहने के बावजूद ऐसे वहशियाना कृत्यों को सही ठहराने वाले भी हमारे बीच मौजूद हैं, यह भी संसार के क्रूरतम आश्चर्यों में से एक है ...
जवाब देंहटाएंइस वीडियो को देखना हौसले की बात है जो अन्दर से शाकाहारी हैं वह इसे न देख पायेंगे .कइयों के लिए फेशन स्टेटमेंट है सामिष भोजन . .
जवाब देंहटाएंइतने क्रूर दुष्कृत्यों पर नजर ठहरना भी दूभर है. आश्चर्य है लोग किस हृदय से इसका समर्थन कर लेते है!!!!!
जवाब देंहटाएंमात्र पेटपूर्ती और मौजशौक के लिए इतने घृणित क्रूर कर्म निंदनीय है.
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