शरीर को रोगमुक्त और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए तमाम तरह के अवयवों की जरूरत होती है, लेकिन इनमें भी विटामिन सी एक ऐसा अवयव है जिसके बिना शरीर को रोगमुक्त रखने की कल्पना ही नहीं की जा सकती।
विटामिन सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और इसकी कमी से स्कर्वी और रक्त अल्पता जैसे कई गंभीर रोग हो सकते हैं।
विटामिन सी की पहचान चार अप्रैल 1932 को हुई थी और तभी से चिकित्सक तथा वैज्ञानिक मानव शरीर पर इसके प्रभावों और महत्व को लेकर शोध करते रहे हैं।
इसे एल एस्कार्बेट या एस्कोर्बिक एसिड (Ascorbic Acid या L-Ascorbate) भी कहा जाता है जो ताजा फलों, सब्जियों, खासकर संतरा और नींबू जैसे खट्टे फलों में अधिक मात्रा में पाया जाता है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के पूर्व चिकित्सक डॉ.रमेश कुमार के अनुसार विटामिन सी एंटीआक्सीडेंट की तरह काम करता है और आक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाव करता है।
उनके अनुसार विटामिन सी की कमी से स्कर्वी नामक रोग हो सकता है, जिसमें शरीर में थकान, मांसपेशियों की कमजोरी, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, मसूढ़ों से खून आना और टांगों में चकत्ते पड़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
विटामिन सी शरीर में रोग पैदा करने वाले विषाणुओं से लड़ने की ताकत पैदा करता है और शरीर में इसकी संतुलित मात्रा बने रहने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है।
इसके विपरीत यदि विटामिन सी की कमी हो तो शरीर छोटी छोटी बीमारियों से लड़ने की ताकत भी खो देता है, जिसका नतीजा बीमारियों के रूप में सामने आता है।
बहुत पहले यह बीमारी नाविकों, जलदस्युओं और ऐसे लोगों में आम हुआ करती थी जो लंबे समय तक ताजा फलों और सब्जियों से वंचित रहते थे, लेकिन आज के समय में जंक फूड खाने वालों और पौष्टिक भोजन से मुंह बिसूरने वाले बच्चों पर यदि उचित ध्यान न दिया जाए तो वह इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
आहार विशेषज्ञ ऋचा सिंह के अनुसार शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी नहीं मिलने से स्कर्वी के अलावा हृदय रोग, रक्त अल्पता, कैंसर और मोतियाबिन्द जैसी बीमारी भी हो सकती है। विटामिन सी की कमी होने पर जुकाम की समस्या बार बार बनी रहती है।
उनके मुताबिक यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि विटामिन सी का आवश्यकता से अधिक सेवन हजारों मिलीग्राम में नकारात्मक साबित हो सकता है और इससे डायरिया तथा अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
विटामिन सी हासिल करने के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। हरी सब्जियों और नींबू, संतरे जैसे खट्टे फलों में यह खूब पाया जाता है। इन्हें अपने रोजमर्रा के खानपान का हिस्सा बना लीजिए और शरीर में विटामिन सी की कमी न होने दीजिए।
विटामिन सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और इसकी कमी से स्कर्वी और रक्त अल्पता जैसे कई गंभीर रोग हो सकते हैं।
विटामिन सी की पहचान चार अप्रैल 1932 को हुई थी और तभी से चिकित्सक तथा वैज्ञानिक मानव शरीर पर इसके प्रभावों और महत्व को लेकर शोध करते रहे हैं।
इसे एल एस्कार्बेट या एस्कोर्बिक एसिड (Ascorbic Acid या L-Ascorbate) भी कहा जाता है जो ताजा फलों, सब्जियों, खासकर संतरा और नींबू जैसे खट्टे फलों में अधिक मात्रा में पाया जाता है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के पूर्व चिकित्सक डॉ.रमेश कुमार के अनुसार विटामिन सी एंटीआक्सीडेंट की तरह काम करता है और आक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाव करता है।
उनके अनुसार विटामिन सी की कमी से स्कर्वी नामक रोग हो सकता है, जिसमें शरीर में थकान, मांसपेशियों की कमजोरी, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, मसूढ़ों से खून आना और टांगों में चकत्ते पड़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
विटामिन सी शरीर में रोग पैदा करने वाले विषाणुओं से लड़ने की ताकत पैदा करता है और शरीर में इसकी संतुलित मात्रा बने रहने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है।
इसके विपरीत यदि विटामिन सी की कमी हो तो शरीर छोटी छोटी बीमारियों से लड़ने की ताकत भी खो देता है, जिसका नतीजा बीमारियों के रूप में सामने आता है।
बहुत पहले यह बीमारी नाविकों, जलदस्युओं और ऐसे लोगों में आम हुआ करती थी जो लंबे समय तक ताजा फलों और सब्जियों से वंचित रहते थे, लेकिन आज के समय में जंक फूड खाने वालों और पौष्टिक भोजन से मुंह बिसूरने वाले बच्चों पर यदि उचित ध्यान न दिया जाए तो वह इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
आहार विशेषज्ञ ऋचा सिंह के अनुसार शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी नहीं मिलने से स्कर्वी के अलावा हृदय रोग, रक्त अल्पता, कैंसर और मोतियाबिन्द जैसी बीमारी भी हो सकती है। विटामिन सी की कमी होने पर जुकाम की समस्या बार बार बनी रहती है।
उनके मुताबिक यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि विटामिन सी का आवश्यकता से अधिक सेवन हजारों मिलीग्राम में नकारात्मक साबित हो सकता है और इससे डायरिया तथा अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
विटामिन सी हासिल करने के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। हरी सब्जियों और नींबू, संतरे जैसे खट्टे फलों में यह खूब पाया जाता है। इन्हें अपने रोजमर्रा के खानपान का हिस्सा बना लीजिए और शरीर में विटामिन सी की कमी न होने दीजिए।
स्रोत : जागरण समाचार
शाकाहारी बनें स्वस्थ रहें!
सम्पादकीय टिप्पणी
आज ४ अप्रेल है - जिस दिन विटामिन सी की खोज हुई थी |
इस सिलसिले में एक और जानकारी जो शायद कई लोग पहले ही जानते होंगे , फिर भी - जो न जानते हों उनके लिए | गर्मियों में कई बार कई लोगों को नाक से खून बहने की समस्या होती है | इसमें माएं अक्सर बच्चों को प्याज सुंघाती हैं | यदि गर्मी की शुरुआत से पहले विटामिन सी का एक १५ दिन का कोर्स हो - तो यह समस्या नहीं आती | इसके अलावा - सर्दियों में होने वाली खांसी सर्दी से भी निजात दिलाता है विटामिन सी का प्रिवेंटिव कोर्स |
जामफलों में भी यह है, कई लोग सिट्रिक फल (संतरा आदि ) खाना पसंद नहीं करते - उनके लिए जामफल, आंवला, नीम्बू पानी आदि अच्छे ऑल्टर्नेटिव हैं | गर्मियों में कच्चे आम (कैरी) से बनी लौंजी भी बहुत सहायक होती है | मुरब्बा उतना फायदेमंद नहीं - क्योंकि उसके तैयार होने तक अधिकतर विटामिन सी बिखर जाता है | हर सन्डे को चार बड़ी कच्चे कैरियां छिलकों सहित कूकर में उबालें, फिर ठंडा होने पर हाथ से ही छिलके अलग कर के गूदे को मसल कर एक दूसरी भगोनी में रखें | इसमें मुरब्बे जैसी ही शक्कर और दो चुटकी नमक (नमक पड़ने से कुछ काला रंग आएगा - यह नुकसानदेह नहीं है ) , कुछ जीरा मिला कर कडछी से लगातार घुमाते हुए दस मिनट उबल लें | ठंडा होने पर साफ़ बर्तन में निकाल कर फ्रिज में रख लें | हफ्ते भर आराम से चार लोगों के परिवार में खाने के साथ इसे लिया जा सकता है | इसे बनाने में कोई ज्यादा मेहनत भी नहीं लगती | इसे शरबत की तरह ठन्डे पानी में मिला कर भी पिया जा सकता है | मेरे घर में यह पूरी गर्मियों में एक आवश्यक फ़ूड आयटम है | :)
आज ४ अप्रेल है - जिस दिन विटामिन सी की खोज हुई थी |
इस सिलसिले में एक और जानकारी जो शायद कई लोग पहले ही जानते होंगे , फिर भी - जो न जानते हों उनके लिए | गर्मियों में कई बार कई लोगों को नाक से खून बहने की समस्या होती है | इसमें माएं अक्सर बच्चों को प्याज सुंघाती हैं | यदि गर्मी की शुरुआत से पहले विटामिन सी का एक १५ दिन का कोर्स हो - तो यह समस्या नहीं आती | इसके अलावा - सर्दियों में होने वाली खांसी सर्दी से भी निजात दिलाता है विटामिन सी का प्रिवेंटिव कोर्स |
जामफलों में भी यह है, कई लोग सिट्रिक फल (संतरा आदि ) खाना पसंद नहीं करते - उनके लिए जामफल, आंवला, नीम्बू पानी आदि अच्छे ऑल्टर्नेटिव हैं | गर्मियों में कच्चे आम (कैरी) से बनी लौंजी भी बहुत सहायक होती है | मुरब्बा उतना फायदेमंद नहीं - क्योंकि उसके तैयार होने तक अधिकतर विटामिन सी बिखर जाता है | हर सन्डे को चार बड़ी कच्चे कैरियां छिलकों सहित कूकर में उबालें, फिर ठंडा होने पर हाथ से ही छिलके अलग कर के गूदे को मसल कर एक दूसरी भगोनी में रखें | इसमें मुरब्बे जैसी ही शक्कर और दो चुटकी नमक (नमक पड़ने से कुछ काला रंग आएगा - यह नुकसानदेह नहीं है ) , कुछ जीरा मिला कर कडछी से लगातार घुमाते हुए दस मिनट उबल लें | ठंडा होने पर साफ़ बर्तन में निकाल कर फ्रिज में रख लें | हफ्ते भर आराम से चार लोगों के परिवार में खाने के साथ इसे लिया जा सकता है | इसे बनाने में कोई ज्यादा मेहनत भी नहीं लगती | इसे शरबत की तरह ठन्डे पानी में मिला कर भी पिया जा सकता है | मेरे घर में यह पूरी गर्मियों में एक आवश्यक फ़ूड आयटम है | :)
शिल्पा मेहता
कुछ विटामिनों खनिजों ,सेलीनियम आदि तत्वों का एक समूह एंटी -ओक्सिडेंट कहलाता है जो शरीर में होने वाली टूट फूट की मरम्मत करता है .विटामिन -सी उनमे से एक है .अच्छा अपडेट .
जवाब देंहटाएं@विटामिन सी हासिल करने के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। हरी सब्जियों और नींबू, संतरे जैसे खट्टे फलों में यह खूब पाया जाता है। इन्हें अपने रोजमर्रा के खानपान का हिस्सा बना लीजिए और शरीर में विटामिन सी की कमी न होने दीजिए।
जवाब देंहटाएंबहुत सही। शाकाहार वाकई अमृत है - एक और यह मृत प्राणियों से रहित है, दूसरी ओर उसमें पाये जाने वाले पोषक तत्व, जैसे विटामिन सी आदि अमृत-तुल्य हैं।
@ शाकाहार वाकई अमृत है - एक और यह मृत प्राणियों से रहित है, .......
हटाएंमांसाहारी भोजन - विटामिन सी तो पूर्णतया रिक्त ही है |
बढिया जानकारी, शाकाहार मानव जीवन के लिए आवश्यक है, समस्त जीवनोपयोगी आवश्यक तत्वों एवं खनिज की आपुर्ति होती है।
जवाब देंहटाएंबहुत काम का विटामिन और पोस्ट।
जवाब देंहटाएंबड़ी उपयोगी जानकारी मिली.......
जवाब देंहटाएंजी | बिलकुल उचित जानकारी दी है | आज ४ अप्रेल है - जिस दिन विटामिन सी की खोज हुई थी | आभार इस पोस्ट के लिए |
जवाब देंहटाएंइस सिलसिले में एक और जानकारी जो शायद कई लोग पहले ही जानते होंगे , फिर भी - जो न जानते हों उनके लिए | गर्मियों में कई बार कई लोगों को नाक से खून बहने की समस्या होती है | इसमें माएं अक्सर बच्चों को प्याज सुंघाती हैं | यदि गर्मी की शुरुआत से पहले विटामिन सी का एक १५ दिन का कोर्स हो - तो यह नहीं होता | इसके अलावा - सर्दियों में होने वाली खांसी सर्दी से भी निजात दिलाता है विटामिन सी का प्रिवेंटिव कोर्स |
जामफलों में भी यह है, कई लोग सिट्रिक फल (संतरा आदि ) खाना पसंद नहीं करते - उनके लिए जामफल, आंवला, नीम्बू पानी आदि अच्छे ऑल्टर्नेटिव हैं | गर्मियों में कच्चे आम (कैरी) से बनी लौंजी भी बहुत सहायक होती है | मुरब्बा उतना फायदेमंद नहीं - क्योंकि उसके तैयार होने तक अधिकतर विटामिन सी बिखर जाता है | हर सन्डे को चार बड़ी कच्चे कैरियां छिलकों सहित कूकर में उबालें, फिर ठंडा होने पर हाथ से ही छिलके अलग कर के गूदे को मसल कर एक दूसरी भगोनी में रखें | इसमें मुरब्बे जैसी ही शक्कर और दो चुटकी नमक (नमक पड़ने से कुछ काला रंग आएगा - यह नुकसानदेह नहीं है ) , कुछ जीरा मिला कर कडछी से लगातार घुमाते हुए दस मिनट उबल लें | ठंडा होने पर साफ़ बर्तन में निकाल कर फ्रिज में रख लें | हफ्ते भर आराम से चार लोगों के परिवार में खाने के साथ इसे लिया जा सकता है | इसे बनाने में कोई ज्यादा मेहनत भी नहीं लगती | इसे शरबत की तरह ठन्डे पानी में मिला कर भी पिया जा सकता है | मेरे घर में यह पूरी गर्मियों में एक आवश्यक फ़ूड आयटम है | :)
यह पूरक जानकारी भी बेहद उपयोगी है।
हटाएंये वाला खट्टा-मीठा शर्बत पीने आपके घर आ जाऊँ?
हटाएंज़रूर पधारिये सर - जब तक कैरियों का मौसम रहेगा - यह /dahi kee लस्सी मेरे घर में हमेशा मिलेगा :) you are welcome anytime !!! :)
हटाएंकौशलेन्द्र जी अकेले नहीं है, पूरा निरामिष परिवार है उनके साथ :)
हटाएंजी भैया - बहन सबका स्वागत कर रही है | :) पधारियेगा ज़रूर :)
हटाएंविषावरोधी तत्व विटामिन सी रोगप्रतिकार शक्तिवर्धक है और इसका स्रोत शाकाहारी फलादि है। इसीलिए अच्छे स्वाथ्य की आवश्यक शर्त है शाकाहार!!
जवाब देंहटाएंसबसे सुलभ और सबसे लाभदायक विटामिन... और हाँ, शाकाहारी भी!! मांसाहार में यह बात कहाँ!!
जवाब देंहटाएंविटामिन सी वास्तव में किसी भी और विटामिन की तुलना में अधिक आवश्यक हैं. और फलों - सब्जियों के बिना विटामिन - सी की कल्पना!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर आलेख है.
आंवला और उससे भी ज्यादा किवी विटामिन सी के बेहतरीन स्रोत हैं .
जवाब देंहटाएंविटामिन सी शरीर की कोशिकाओं के लिये बढ़ई और सफ़ाई कर्मचारी की भूमिका भी निभाता है। यह बहुत ही कम तापमान पर समाप्त हो जाता है इसलिये प्रयास किया जाय कि इन्हें बिना पकाये या कम पका कर ही सेवन किया जाय।
जवाब देंहटाएं