'गरीबों का काजू' के नाम से मशहूर मूँगफली काजू से ज्य़ादा पौष्टिक है। परन्तु मूँगफली खाने वाले यह नहीं जानते, मूँगफली में सभी पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। मूँगफली खाकर हम अनजाने में ही इतने पोषक तत्व ग्रहण कर लेते हैं, जिसका हमारे शरीर को बहुत फायदा होता है। मूँगफली में प्रोटीन, वसा, शर्करा, विटामिन, खनिज, रुक्षांश प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। शोधों से यह बात प्रकाश में आई है कि मूँगफली में कैल्शियम और विटामिन डी अधिक मात्रा में होती है। मूँगफली में प्रोटीन की मात्रा 25 प्रतिशत से भी अधिक होती है। मूंगफली विटामिन ई का तो भंडार होता है।
आधी मुट्ठी मूगफली में 426 कैलोरीज़ होती हैं, 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है, 17 ग्राम प्रोटीन होता है और 35 ग्राम वसा होती है। इसमें विटामिन ई , विटामिन के और बी6 भी प्रचूर मात्रा में होती है। यह आयरन, नियासिन, फोलेट, कैल्शियम और जिंक का अच्छा स्रोत हैं।
पोषक तत्वों की तुलनात्मक दृष्टि से मूँगफली का अध्ययन इस प्रकार है………
इसमें प्रोटीन की मात्रा मांस की तुलना में 1.3 गुना, अण्डो से 2.5 गुना एवं फलो से 8 गुना अधिक होती हैं।
100 ग्राम कच्ची मूँगफली में, 1 लीटर दूध के बराबर प्रोटीन होता है ।
मात्र 250 ग्राम भूनी मूँगफली में जिस मात्रा में खनिज और विटामिन पाए जाते हैं, वो 250 ग्राम मांस से भी प्राप्त नहीं किए जा सकते।
250 ग्राम मूँगफली के मक्खन से , 300 ग्राम पनीर, 2 लीटर दूध या 15 अंडों के बराबर ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।
एक अंडे के मूल्य के बराबर मूँगफलियों में जितनी प्रोटीन व ऊष्मा होती है, उतनी दूध व अंडे से संयुक्त रूप में भी प्राप्त नहीं होती।
मूँगफली के लाभ :
पौष्टिकता से भरपूर मूँगफली में कैंसर प्रतिरोधी तथा कॉलेस्ट्रॉल कम करने की क्षमता है।
इसका संबंध ह्रदय की बीमारियों को घटाने में भी महत्वपूर्ण है।
कच्ची मूँगफली रोज खाने से नवजातक माताओं के दूध में वृद्धि होती है।
यह पाचन शक्ति को बढ़ाती है।
मूँगफली या उससे निर्मित खाद्य सामग्री के उपयोग से रक्त स्त्राव की बीमारी में आराम मिलता है।
भुनी मूँगफली एण्टीआक्सिडेंट्स का अच्छा स्रोत है।
बिना नमक वाली मूँगफली में मोनोसैचुरेटेड वसा बहुत अधिक मात्रा में होती है और यह स्वस्थ धमनियों के लिए अच्छी होती है। धमनियों को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो रक्त में कालेस्ट्रानल के स्तर को ठीक रखें।
मूँगफली में विटामिन ई का भंडारण होता है और यह कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम करती है।
मूँगफली महिलाओं और पुरूषों में हार्मोन्स के विकास के लिए भी अच्छी होती है।
शोधों से ऐसा पता चला है कि मूँगफली में कैल्शियम और विटामिन डी अधिक मात्रा में होता है और यह दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है।
बिना नमक वाली मूँगफली में मोनोसैचुरेटेड वसा बहुत अधिक मात्रा में होती है और यह स्वस्थ धमनियों के लिए अच्छी होती है। धमनियों को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो रक्त में कालेस्ट्रानल के स्तर को ठीक रखें।
मूँगफली में विटामिन ई का भंडारण होता है और यह कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम करती है।
मूँगफली महिलाओं और पुरूषों में हार्मोन्स के विकास के लिए भी अच्छी होती है।
शोधों से ऐसा पता चला है कि मूँगफली में कैल्शियम और विटामिन डी अधिक मात्रा में होता है और यह दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है।
मूँगफली के बारे में ओर रोचक बाते :
मूँगफली एक अखरोट की तरह का नट नहीं है बल्कि यह एक फली की नस्ल से संबंधित है ।
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मूँगफली में किसी भी अन्य नट की तुलना में अधिक प्रोटीन, नियासिन, फोलेट और फाइटोस्टेरॉल (phytosterols) पादपरसायन होता है।
मूँगफली में अंगूर,अंगूर का रस, हरी चाय, टमाटर, पालक, ब्रोकोली, गाजर से अधिक उच्च एंटीऑक्सीडेंट क्षमता है।
मूँगफली चार प्रकार की होती हैं -रनर, वर्जीनिया, स्पेनिश, और वालेंसिया।
मूँगफली सितंबर और अक्टूबर में नयी आ जाती है।
फसल रोपण विधि से लगाई जाती है मूँगफली का विकास चक्र 120 से 160 दिन या पाँच महीने होता है।
मूँगफली में अंगूर,अंगूर का रस, हरी चाय, टमाटर, पालक, ब्रोकोली, गाजर से अधिक उच्च एंटीऑक्सीडेंट क्षमता है।
मूँगफली चार प्रकार की होती हैं -रनर, वर्जीनिया, स्पेनिश, और वालेंसिया।
मूँगफली सितंबर और अक्टूबर में नयी आ जाती है।
फसल रोपण विधि से लगाई जाती है मूँगफली का विकास चक्र 120 से 160 दिन या पाँच महीने होता है।
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मूँगफली और मूँगफली का मक्खन 30 में अधिक आवश्यक पोषक तत्वों और फाइटोन्युट्रीयेंट्स phytonutrients होते हैं।
मूँगफली स्वाभाविक रूप से कोलेस्ट्रॉल मुक्त हैं।
मूँगफली स्वाभाविक रूप से कोलेस्ट्रॉल मुक्त हैं।
मूँगफली का पौधा मूल रूप से दक्षिण अमेरिका में जन्मा है मूँगफली का पौधा छोटे छोटे पीले फूल पैदा करता है।
एक परिपक्व मूँगफली का पौधे में 40 फली (Pods) होती है यानी एक पोधा 40 मूँगफली पैदा करता है।
एक परिपक्व मूँगफली का पौधे में 40 फली (Pods) होती है यानी एक पोधा 40 मूँगफली पैदा करता है।
नियासिन (Niacin) एक महत्वपूर्ण विटामिन बी है जोकि भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करता है मूँगफली नियासिन का एक बहुत अच्छा स्रोत माना जाता है।
फोलेट (Folate) |
फोलेट (Folate) कोशिका विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिसका अर्थ है कि पर्याप्त फोलेट का सेवन गर्भावस्था और बचपन के दौरान जब ऊतकों तेजी से बढ़ रहे हैं तब विशेष रूप से महत्वपूर्ण है मूँगफली फोलेट का एक अच्छा स्रोत है।
एंटीऑक्सिडेंट के रूप में मूँगफली .....
विटामिन ई एक बेहतरीन आहार एंटीऑक्सिडेंट होता है कि आक्सिजनित तनाव, हानिकारक शारीरिक प्रक्रिया से कोशिकाओं की रक्षा में मदद करता है।
मूँगफली विटामिन ई का एक अच्छा स्रोत है।
रेशा फाइबर का पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान है. मूँगफली फाइबर का एक अच्छा स्रोत है।
मोनोअनसेचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड दोनों प्रकार की वसा एक स्वस्थ आहार के लिए योगदान स्वरूप है मूँगफली और मूँगफली के मक्खन के एक बार के आहार में 4.5 ग्राम पॉलीअनसेचुरेटेड वसा और 8 ग्राम मोनोअनसेचुरेटेड वसा शामिल होती है।
मोनोअनसेचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड दोनों प्रकार की वसा एक स्वस्थ आहार के लिए योगदान स्वरूप है मूँगफली और मूँगफली के मक्खन के एक बार के आहार में 4.5 ग्राम पॉलीअनसेचुरेटेड वसा और 8 ग्राम मोनोअनसेचुरेटेड वसा शामिल होती है।
मूँगफली शरीर में गर्मी पैदा करती है, इसलिए सर्दी के मौसम में ज्यादा लाभदायक है। यह खाँसी में उपयोगी है व मेदे और फेफड़े को बल देती है।
भोजन के बाद यदि 50 या 100 ग्राम मूँगफली प्रतिदिन खाई जाए तो सेहत बनती है, भोजन पचता है, शरीर में खून की कमी पूरी होती है।
भोजन के बाद यदि 50 या 100 ग्राम मूँगफली प्रतिदिन खाई जाए तो सेहत बनती है, भोजन पचता है, शरीर में खून की कमी पूरी होती है।
इसे भोजन के साथ सब्जी, खीर, खिचड़ी आदि में डालकर नित्य खाना चाहिए। मूँगफली में तेल का अंश होने से यह वायु की बीमारियों को भी नष्ट करती है।
सर्दियों में त्वचा में सूखापन आ जाता है। जरा सा मूँगफली का तेल, दूध और गुलाबजल मिलाकर मालिश करें। बीस मिनट बाद स्नान कर लें। इससे त्वचा का सूखापन ठीक हो जाएगा।
मुट्ठीभर भुनी मूँगफलियाँ निश्चय ही पोषक तत्वों की दृष्टि से लाभकारी हैं।
तो देखा कितने गुण हैं मूँगफली में .....
तो देखा कितने गुण हैं मूँगफली में .....
आओ इसे अपने आहार का एक मुख्य भाग बनाएँ और इस के बेहतरीन गुणों का लाभ उठायें ।
मूंगफली के इतने सारे फायदे हैं ये तो हमें पता ही नहीं था ...आपका बहुत -बहुत आभार
जवाब देंहटाएंएक परिपक्व मूँगफली का पौधे में 40 फली (Pods) होती है यानी एक पोधा 40 मूँगफली पैदा करता है।
जवाब देंहटाएं@ इस एक वाक्य पर अटक गया हूँ...
@ बहुत ही उपयोगी लेख है.. इसमें शक नहीं... किन्तु मैं इस संबंध में अल्पज्ञ हूँ कि मूँगफली क्या वास्तव में फली है?... क्या भूमि से नीचे पैदा हुए खाद्यों को फल या फली मान सकते हैं? या फिर इस सन्दर्भ में भी लोक में चलन के चलते इसे फली कहने लगे??.... जैसे शुक्र ग्रह को 'भोर का तारा' कह देते हैं... क्या उसी प्रकार इसके साथ भी तो वैसा ही न्याय नहीं किया गया?
क्या फली की परिभाषा यह कही जा सकती है?
"जो बीज आवरण को फोड़कर बाहर निकाला जाए, फली कहलाता है." या फिर "एकाधिक संख्या में वास करने वाले बीजों के एक आवरण को फली कहते हैं."
या फिर फली को किसी और रूप में परिभाषित किया जा सकता है? कृपया प्रकाश डालें...
कुछ जानकारी थी कुछ और मिली ...... मेरी रसोई का अहम् हिस्सा है मूंगफली..... आभार
जवाब देंहटाएंaabhaar
जवाब देंहटाएंबहुत ही ज्ञानवर्धक लेख. इतना तो जानता था की मूंगफली स्वस्त्यावर्धक होती है पर इतने महतगुण आज पता चले हैं. जब मांसाहार से अधिक लाभ थोड़ी मूंगफली से मिलते हों तो क्यों हत्याकाण्ड कर मुर्दा खाया जाए. आभार इस लेख को प्रकाशित करने के लिए. और दर्शन बवेजा को नमन लेख लिखने के लिए.
जवाब देंहटाएं***************************************************************
@ प्रतुल जी शायद कुछ जानकारी इससे मिले --------------
फली पुं० [सं० फल+अच्+ङीष्] १. सोनापाढ़ा। २. कटहल। ३. प्रियंगु। ४. मूसली। ५. आमड़ा। वि० [सं० फल+इनि] १. फलों से युक्त। फलवाला। २. जिसमें फल लगते हों। ३. लाभदायक। स्त्री० [हिं० फल+ई (प्रत्यय)] १. पेड़-पौधों का फल के रूप में होनेवाला वह लंबोतरा अंग जिसके अंदर केवल बीज रहते हैं। गूदा या रस नहीं रहता। (पाँड)
मूँगफली स्त्री० [हिं० भूस (भूमि)+फली] १. जमीन पर चारों ओर फैलनेवाला एक प्रकार का क्षुप जिसकी खेती उसके फलों के लिए प्रायः सारे भारत में की जाती है। इसकी जड़ में मिट्टी के अन्दर फल लगाते है, जिसके दाने या बीज रूप-रंग और स्वाद में बादाम से बहुत कुछ मिलते-जुलते होते हैं।
(http://pustak.org)
मूँगफली वाकई तुलनात्मक श्रेष्ठ पोषण से भरपूर है, उससे भी ज्यादा पोषण,कम दामों में मिले तो कोई वह क्यों ले? यही न ले। :))
जवाब देंहटाएंकमाल का प्रतुल जी का प्रश्न और कमाल का अमित जी का समाधान!! लाजवाब!!!
हम तो मूंगफली यूं ही खाते रहते थे अब पता चला कि हम्म्म इसमें तो फ़ायदा भी है
जवाब देंहटाएंजानकारीपूर्ण आलेख। मुझे भी मूंगफली टूंगना पसन्द है।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद, अमित और प्रतुल!
जवाब देंहटाएंबहुत से लोग तो इसे बादाम ही बोलते हैं। बहुत से लाभ पहले मालूम नहीं थे।
जवाब देंहटाएंइस मामूली सी समझी जाने वाली चीज पर गैर मामूली जानकारी देने के लिये दर्शन जी का आभार। प्रतुल भाई और अमित का आपसी संवाद तो आनंददायक रहता ही है।
बेहतरीन आलेख। इसे यूँ ही गरीबों का बादाम नहीं कहा जाता।
जवाब देंहटाएंमूंगफली को 'गरीबों का बादाम' भी कहा जाता है |
जवाब देंहटाएंअच्छा लेख
दर्शन जी और सुज्ञ जी को आभार
@ज्यादा पोषण,कम दामों में मिले तो कोई वह क्यों ले? यही न ले। :))
जवाब देंहटाएंसुज्ञ जी से सहमत :)
@प्रतुल भाई और अमित का आपसी संवाद तो आनंददायक रहता ही है।
सही कहा संजय जी
प्रचूर पोषण की धनी मूँगफली, अमीर-गरीब सभी के लिए एक सम्पूर्ण आहार है। आह्लादकारी सत्य!!
जवाब देंहटाएं