शनिवार, 24 सितंबर 2011

अहिंसा में निहित है पर्यावरण की सुरक्षा




पर्यावरण आज विश्व की गम्भीर समस्या हो गई है। प्रकृति को बचाना अब हमारी ज्वलंत प्राथमिकता है। लेकिन प्राकृतिक सन्तुलन को विकृत करने में स्वयं मानव का ही हाथ है। पर्यावरण और प्रदूषण मानव की पैदा की हुई समस्या है। प्रारम्भ में पृथ्वी घने वनों से भरी थी। लेकिन जनसंख्या वृद्धि और मनुष्य के सुविधाभोगी मानस ने, बसाहट,खेती-बाडी आदि के लिए वनों की कटाई शुरू की। औद्योगिकीकरण के दौर में मानव नें पर्यावरण को पूरी तरह अनदेखा कर दिया। जीवों के आश्रय स्थल उजाड़ दिए गये। न केवल वन सम्पदा और जैव सम्पदा का विनाश किया, बल्कि मानव नें जल और वायु को भी प्रदूषित कर दिया। कभी  ईंधन के नाम पर तो कभी इमारतों के नाम पर। कभी खेती के नाम पर तो कभी जनसुविधा के नाम पर, मानव प्राकृतिक संसाधनो का विनाशक दोहन करता रहा।

वन सम्पदा में पशु-पक्षी आदि, प्राकृतिक सन्तुलन के अभिन्न अंग होते है। प्रकृति की एक समग्र जैव व्यवस्था होती है। उसमें मानव का स्वार्थपूर्ण दखल पूरी व्यवस्था को विचलित कर देता है। मनुष्य को कोई अधिकार नहीं प्रकृति की उस व्यवस्था को अपने स्वाद, सुविधा और सुन्दरता के लिए खण्डित कर दे। अप्राकृतिक रूप से जब इस कड़ी को खण्डित करने का दुष्कर्म होता है, प्रकृति में विनाशक विकृति उत्पन्न होती है जो अन्ततः स्वयं मानव  अस्तित्व के लिए ही चुनौति बन खड़ी हो जाती है। जीव-जन्तु हमारी ही भांति इस प्रकृति के आयोजन-नियोजन का अटूट हिस्सा होते है। वे पूरे सिस्टम को आधार प्रदान करते है। प्रकृति पर केवल मानव का मालिकाना हक़ नहीं है। मानव को समस्त प्रकृति के संरक्षण की शर्तों के साथ ही अतिरिक्त उपयोग बुद्धि मिली है। मानव पर, प्रकृति के नियंत्रित उपयोगार्थ विधानों का आरोपण किया गया है, जिसे हम धर्मोपदेश के नाम से जानते है। वे शर्तें और विधान, यह सुनिश्चित करते है कि सुख सभी को समान रूप से उपलब्ध रहे।

इसीलिए विश्व के सभी धर्मों के प्रणेता व महापुरूष, हिंसा, क्रूरता, जीवों को अकारण कष्ट व पीड़ा देने को गुनाह कहते है। वे प्रकृति के संसाधनों के मर्यादित उपभोग की सलाह देते है। अपरिग्रह का उपदेश देते है। मन वचन काया से संयमित,अनुशासित रहने की प्रेरणा देते है। इसी भावना से वे प्राणी मात्र में अपनी आत्मा सम झलक देखते/दिखलाते है। जब वे कण कण में भगवान होने की बात करते है,तो अहिंसा का ही आशय होता है । सभी को सुख प्रदान करने के उद्देश्य से ही वे यह सूत्र देते है कि ‘आत्मा सो परमात्मा’ या हर जीव में परमात्मा का अंश होता है। यह भी कहा जाता है कि सभी को ईश्वर नें पैदा किया अतः सभी जीव ईश्वर की सन्तान है। इसीलिए जीव-जन्तु, पशु-पक्षियों के साथ दया, करूणा का व्यवहार करनें की शिक्षा दी जाती है। सारी बुराईयां किसी न किसी के लिए पीड़ादायक हिंसा बनती है। अतः सभी सद्गुणों को अहिंसा में समाहित किया जा सकता है। यही धर्म है। यही प्रकृति का धर्म है। यही सुनियोजित जीवन का विधान है। अर्थात्, अहिंसा पर्यावरण का संरक्षण विधान है।

शनिवार, 10 सितंबर 2011

आहार : पोषण मूल्यों का तुलनात्मक अध्ययन


आधुनिकता की होड़ में, अपनी संस्कृति, आचार, विचार सब को दकियानूसी कहने वाले, इस झूठी अवघारणा के शिकार है कि शाकाहारी भोजन से उचित मात्रा में प्रोटीन और पोषक तत्व प्राप्त नहीं होते। जबकि आधुनिक विशेषज्ञों और शरीर वैज्ञानिकों की शोध से यह भलीभांति प्रमाणित है कि शाकाहारी आहार में न केवल उत्तम कोटि के प्रोटीन होते है, अपितु सभी आवश्यक पोषक तत्व जैसे- विटामिन, वसा और कैलॉरी आदि पूर्ण  गुणवत्ता युक्त, आरोग्य अनुकूल और  उचित मात्रा में उपलब्ध होते है। विशेषतया खनिज और विटामिन तो  शाकाहारी पदार्थों से ही सहजता से प्राप्त किए जा सकते है। इतना ही नहीं, शरीर के आन्तरिक  अवयवो को  'निर्मल' और 'निरोग' रखनें में चिर उपयोगी निरामय ‘रेशे’ (फ़ाइबर्स) प्राप्त करना तो मात्र, शाकाहार से ही सम्भव है।

‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नुट्रीशन, हैदराबाद’ से प्रकाशित, विभिन्न खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की तालिका से,  कुछ मुख्य पदार्थों की तुलनात्मक तालिका यहाँ प्रस्तुत की जा रही है। आप देख सकते है, सोयाबीन व मूँगफली में तो मांस व अंडे से भी अधिक प्रोटीन होता है। यदपि वनस्पतिजन्य पदार्थों से बनने वाले 'शाकाहारी व्यंजनो' की यह विशेषता ही है कि  उसमें पडने वाले पदार्थ, पोषक तत्वों का संतुलित योग बनाते है। तथापि आप अपनी कायिक आवश्यकता और अनुकूलता अनुसार निम्न तालिका से  उपयुक्त और रूचिप्रद  शाकाहारी पदार्थों को चुन कर, 'पौष्टिक संतुलित निरामिष आहार' का संयोजन कर सकते है।

खाद्य सामग्री (प्रति 100 ग्राम) में मिलने वाले पोषक तत्व :-

(*तुलना के लिए हरे अक्षरों में शाकाहारी और लाल अक्षरों में मांसाहारी पदार्थ है।)

 पदार्थ 
(प्रति 100 ग्राम)
 प्रोटीन 
ग्राम.
 कार्बो0
ग्राम
 फैट
ग्राम
 फाइब
ग्राम
 मिनरल्स
ग्राम
  कैलॉरीज़
गेहूँ   12.1069.40 1.70 1.90 2.70 341
जौ 11.5069.60 1.30 3.90 1.20 336
बाजरा 11.6067.50 5.00 1.20 2.30 361
मक्का 11.1066.20 3.60 2.70 1.50 342
चावल 13.5048.40 16.20 4.30 6.60 393
चना 17.1060.90 5.30 3.90 3.00 360
सोयाबीन 43.2020.90 19.50 3.70 4.60 432
राजमा 22.9060.60 1.30 4.80 3.20 346
उड़द 24.0059.60 1.40 0.90 3.20 347
लोबिया 24.1054.50 1.00 3.80 3.20 323
मूंग 24.0056.70 1.30 4.10 3.50 334
मसूर 25.1059.0 0.70 0.70 2.10 343
मोठ 23.6056.50 1.10 4.50 3.50 330
अरहर 22.3057.60 1.70 1.50 3.50 335
चना दाल 20.8060.90 5.60 3.90 2.70 360
मटर 19.7056.50 1.10 4.50 2.20 315
मूंगफली 26.2026.70 39.80 3.10 2.50 570
बादाम 20.8010.50 58.90 1.70 2.90 655
अखरोट 15.6011.00 64.50 2.60 1.80 687
काजू 21.2022.30 46.90 1.30 2.40 596
पिश्ता 19.8016.10 53.50 2.10 2.80 626
चिलगोज़ा 13.9029.00 49.30 1.00 2.80 615
किशमिश 1.8074.60 0.30 1.10 2.00 308
तिल 18.3025.00 43.30 2.90 5.20 563
तरबूज के बीज 34.104.50 52.60 0.80 3.70 628
नारियल 6.8018.40 62.30 6.60 1.60 662
खजूर 2.5075.80 0.40 3.90 2.10 317
मुनक्का 2.7075.20 0.50 2.20 1.10 316
आंवला 0.5013.70 0.10 3.40 0.50 58
केला 1.2027.20 0.30 0.40 0.80 116
सेब 0.2013.40 0.50 1.40 0.30 59
चेरी 1.1013.80 0.50 0.40 0.80 64
अंगूर 1.0010.00 0.10 -- 0.40 45
अमरूद 0.9011.20 0.30 5.20 0.70 51
लीची 1.1013.80 0.20 0.50 0.50 61
बेलफल 1.8031.80 0.30 2.90 1.70 137
मौसम्मी 0.809.30 0.30 0.50 0.70 43
नींबू 1.0011.10 0.90 1.70 0.30 57
संतरा 0.7010.90 0.20 0.30 0.30 48
शहतूत 1.1010.30 0.40 1.10 0.60 49
फालसा 1.3014.70 0.90 1.20 1.10 72
आडू 1.2010.50 0.30 1.20 0.80 50
पपीता 0.607.20 0.10 0.80 0.50 32
आम 0.6016.90 0.40 0.70 0.40 74
रसभरी 1.0011.70 0.60 1.10 0.90 56
सिंघाड़ा 13.4068.90 0.80 --- 3.10 330
गाजर के पत्ते 5.1013.10 0.50 1.90 2.80 77
मूली के पत्ते 3.802.40 0.40 1.00 1.60 28
बथुआ 3.702.90 0.40 0.80 2.60 30
मेथी के पत्ते 4.406.00 0.90 1.10 1.50 49
पालक 2.002.90 0.70 0.60 1.70 26
पोदीना 4.805.80 0.60 2.00 1.90 48
पत्ता गोभी 1.804.60 0.10 1.00 0.60 27
टिंडा 1.403.40 0.20 1.00 0.50 21
गोभी 2.604.00 0.40 1.20 1.00 30
भिंडी 1.906.40 0.20 1.20 0.70 35
बीन्स 7.4029.80 1.00 1.90 1.60 158
आलू 1.6022.60 0.10 0.40 0.60 97
टमाटर 1.506.70 0.20 4.20 1.20 35
भैस का दूध 4.305.00 6.50 --- 0.80 117
गाय का दूध 3.204.40 4.10 --- 0.80 67
दही 3.103.00 4.00 --- 0.80 60
छैना 18.301.20 20.80 --- 2.60 265
पनीर 24.106.30 25.10 --- 4.20 348
खोया 22.3025.70 1.60 --- 4.30 206
स्किम्ड मिल्क पाउडर 38.0051.00 0.10 --- 6.80 357
ईस्ट 35.7046.30 1.80 --- --- 344
बटर ------ 81.00 --- 2.50 729
घी ------ 100.00 --- --- 900
तेल ------ 100.00 --- --- 900
गन्ना रस 0.109.10 0.20 --- 0.40 39
शूगर केन 0.1099.40
--- 0.10 398
चासनी 0.3079.50 --- --- 0.20 319







सूअर का मांस 18.70--- 4.40 --- 1.00 114
बकरे का मांस 21.40--- 3.60 --- 1.10 118
गोमांस 22.60--- 2.60 --- 1.10 114
भेड़ का मांस 18.50--- 13.30 --- 1.30 194
मछली की 8.90
to
0.00
to
0.20
to
-- 0.00
to
 59
विभिन्न किस्में 76.1013.90 19.40 -- 27.50 413
अण्ड़ा 13.30-- 13.30 -- 1.00 173








इस तरह मात्र शाकाहार में ही है सर्वाधिक 'पोषण विकल्प'  और 'आहार संतुलन प्रबंध' अपने ही हाथ। तो शाकाहार अपनाएँ और स्वाधीन रहें।

बुधवार, 7 सितंबर 2011

गौहिंसा का विरोध आन्दोलन

भारत देश के करूणावान सज्जनों,
क्या आप कटती हुई गायों को बचाना चाहते हैं ..............?
निरीह गौधन पशुधन के साथ हिंसा का ताण्डव!!
कृतघ्न  इन्सान का यह शोषण
द्रवित हो उठने वाले भारतवासियों,
उत्तर प्रदेश के बिजनेसमेन (कसाई-व्यापारीगण) अब गायों को काटने के लिए, आधुनिक स्वचालित  यांत्रिक कत्लखाने,  बहुत जल्द ही बनाने जा रहे है ताकि गायों को तीव्र गति से काटा जा सके, उनके मांस को विदेशों में निर्यात कर भारी लाभ कमाया जा सके | अगर ये लोग ऐसे क्रूर गोहिंसाग्रह स्थापित करने में कामयाब हो जाते है तो फिर पूरे भारत में इन कत्लखानो की बाढ़ ही आ जाएगी | सम्पूर्ण भारतवर्ष के लोग इन कत्लखानो को खोलने का पुरजोर विरोध कर रहे है और उत्तर प्रदेश की सरकार ने कहा है कि अगर एक करोड़ लोग भी कत्लखाने खोलने का विरोध  करते है तो  इन यांत्रिक स्वचालित पशुवधग्रह को खोलने की इजाजत  नहीं दी जाएगी| तो आईए इस निर्दयी कत्लखानों का तीव्र विरोध करें और इस आन्दोलन की हिमायत करें।
हम अहिंसा प्रधान इस देश के करूणावान नागरिक है।हम गायों की पूजा करते है | भारतीय होने के नाते और मानवता के नाते हम ऐसा होते हुए, हरगिज नहीं देख सकते ................ कृपया इस आन्दोलन को आप अपना समर्थन अवश्य दें |
अगर आपको लगता है कि इस तरह के कत्लखाने नहीं खुलने चाहिए तो कृपया  05223095743 पर एक मिस कोल जरूर करें| एक घंटी बजने के बाद कोल अपने आप डिस-कनेक्ट हो जाएगी |
जिस तरह से आपने अन्ना हजारे के जन लोकपाल बिल के आन्दोलन को सफल बनाया उसी तरह से आप मिस कॉल कर के इस कत्लखानों के विरोध आन्दोलन को अपना समर्थन दें |
इसमें आपका कोई खर्चा नहीं है, बल्कि आपके इस एक मिस कोल से प्रतिदिन कटने वाली हजारों लाखों गायें बच जाएगी |
कृपया आप अपने मोबाइल से मिस्कोल जरूर करें और इसे जितने लोगों तक पंहुचा सके पहुचाये |
मैने मिस कोल कर दिया है ............ अब आपकी बारी है ..................
अभी मिस कोल करे - नंबर है - 05223095743
 (भारत स्वाभिमान से प्राप्त एक आह्वान)

भारत स्वाभिमान आन्दोलन की अन्य वेबसाइट :