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शुक्रवार, 12 जुलाई 2013

निरामिष विशेष कड़ियाँ (लिंक्स)

निरामिष पर अब तक प्रकाशित लेखों में विशिष्ठ आलेखों की विषयवार कड़ियाँ (लिंक्स)


  • अहिंसक मनोवृति (जीवदया और करूणा  के लिए शाकाहार)
  1. दिलों में दया भाव का संरक्षक शाकाहार।
  2. विश्व शान्ति का उपाय शाकाहार।
  3. हिंसा का अल्पीकरण ही अहिंसा का सोपान।
  4. आहार का अक्रूर आयाम है शाकाहार।

  • संतुलित पोषण स्रोत (पोषणयुक्त शाकाहार)
  1. प्राकृतिक पोषण मूल्यों का प्राथमिक स्रोत,शाकाहार ।
  2. संतुलित पोषण तत्वो का प्रमुख आधार है शाकाहार।
  3. केवल शाकाहार में है पोषण का पूर्ण संतुलन।
  4. शारिरिक प्रतिरक्षा प्रणाली का बल है शाकाहार।

  • आरोग्य वर्धक ( निरामय और स्वास्थ्यप्रद शाकाहार)
  1. स्वस्थ व दीर्घ जीवन का आधार है शाकाहार।
  2. आरोग्य संवर्धक है शाकाहार।
  3. विश्व स्वास्थ्य शाकाहार में निहित है।

  • सभ्य-खाद्याचार (सुसंस्कृत सभ्य आहार)
  1. आदिमयुग से विकास और सभ्यता की धरोहर है शाकाहार।
  2. शाकाहारी संस्कृति का संरक्षण ही हमारी सुरक्षा है।
  3. मानवीय जीवन-मूल्यों का संरक्षक है शाकाहार।

  • पर्यावरण संरक्षण (प्राकृतिक संसाधनों के संयमित उपभोग हेतु शाकाहार)
  1. पर्यावरण का श्रेष्ठ उपचार है शाकाहार।
  2. प्राकृतिक संसाधनो का उपभोग संयम अर्थात् शाकाहार।
  3. अपरिहार्य हिंसा का भी अल्पीकरण है शाकाहार।
  4. विश्व भूखमरी का निदान है शाकाहार।

  • तर्कसंगत-विकल्प (पूर्णरूपेण तर्कसंगत और न्यायसंगत शाकाहार)
  1. प्रागैतिहासिक मानव, प्राकृतिक रूप से शाकाहारी ही था।
  2. मनुष्य की सहज वृति और उसकी कायिक प्रकृति दोनो ही शाकाहारी है।
  3. मानव शरीर संरचना शाकाहार के ही अनुकूल।
  4. शाक से अभावग्रस्त, दुर्गम क्षेत्रवासी मानवो का अनुकरण मूर्खता!!
  5. सभ्यता व विकास मार्ग का अनुगमन या भीड़ का अंधानुकरण?
  6. यदि अखिल विश्व भी शाकाहारी हो जाय, सुलभ होगा अनाज!!
  7. भुखमरी को बढाते ये माँसाहारी और माँस-उद्योग!!
  8. शाकाहार में भी हिंसा? एक बड़ा सवाल !!!
  9. प्राणी से पादप : हिंसा का अल्पीकरण करने का संघर्ष भी अपने आप में अहिंसा है।
  10. प्रोटीन प्रलोभन का भ्रमित दुष्प्रचार।
 11.  विटामिन्स का दुष्प्रचार।
 12. उर्ज़ा व शक्ति का दुष्प्रचार


निरामिष के बारे में आपका दृष्टिकोण कृपया यहां रखें.....

गुरुवार, 27 अक्टूबर 2011

चैम्पियन शतायु धावक का भोजन - शाकाहार

कुछ भी असम्भव नहीं है - फौजा सिंह
[चेतावनी: पूरी तरह स्वस्थ हुए बिना मैराथन दौड़ना, किसी भी आयु में, किसी भी भोजनशैली के साथ खतरनाक सिद्ध हो सकता है। पहले स्वस्थ हों, शरीर को तैयार करें, सम्भव हो तो चिकित्सक, स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह लें, फिर लम्बी दौड़ आरम्भ करें।]

खेल सामग्री निर्माता ऐडीडाज़ ने फ़ुटबाल खिलाड़ी डेविड बैकहम को अपने विज्ञापनों से हटाकर नये पोस्टर बॉय फ़ौजा सिंह को ले लिया है। उनकी जीवनी का शीर्षक "द टर्बन्ड टॉर्नेडो" अर्थात "पगड़ी वाला चक्रवात" है। 173 सेंटीमीटर (5 फ़ुट 11 इंच) और 52 किलो भार वाले मैराथन धावक फ़ौजा सिंह जलन्धर में अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद सन् 1992 में अपने पुत्र के पास रहने लंडन आ गये। 20 वर्ष पहले उनका कृषिकर्म तो बन्द हो गया पर उसके बदले उन्होंने दौड़ना आरम्भ किया। वे ब्रिटेन, अमेरिका व कैनैडा में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आकर्षण बने हैं।

सन 2000 में 89 वर्ष की आयु में उन्होंने लंडन में अपने जीवन की पहली मैराथन में भाग लेकर पाँचवाँ स्थान प्राप्त किया और उसके बाद टोरंटो व न्यूयॉर्क की प्रतियोगिताओं में प्रथम रहे। 90+ के आयुवर्ग मैराथन में वे विश्व रिकॉर्ड धारक हैं। वे अब तक आठ मैराथन दौड़ों के अतिरिक्त 500 से अधिक प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं। उनके प्रशिक्षक हरमिन्दर सिंह के अनुसार अभी उनमें कुछेक और वर्ष तक प्रतियोगिताओं में भाग लेने की क्षमता है।
फ़ौजा की दृढता हमारे शरीर व मन पर शाकाहार के प्रभाव का उत्कृष्ट उदाहरण है। निरामिष आहार करने से अनेक जानलेवा बीमारियों का खतरा तो कम होता ही है, फ़ौजा सिंह के उदाहरण से यह स्पष्ट है कि शाकाहार हमें दीर्घायु भी बनाता है ~ मीमी बेखेची (पेटा प्रवक्ता)

मैं शाकाहारी हूँ (Courtesy: PETA)
1 अप्रैल 1911 को भारत में जन्मे फौजा सिंह, मैराथन जैसी लम्बी दौड़ के लिये आवश्यक जीवट, अपने स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिये अपने शाकाहारी भोजन को ज़िम्मेदार मानते हैं। अधिकांश सिखों की तरह जन्म से शाकाहारी फौजा सिंह का कहना है कि हमें हल्के, संतुलित व संपूर्ण आहार की आवश्यकता है जोकि निरामिष भोजन से प्राप्त होता है। अपने नियमित दाल, सब्ज़ी, फुल्के के भोजन के अतिरिक्त वे दूध, दही और सोंठ भी पसन्द करते हैं। वे पानी पीना पसन्द करते हैं पर चावल के शौकीन नहीं हैं और तली हुई चीज़ें, पराँठे, पकौड़े आदि बिल्कुल नहीं खाते हैं।

हृदयरोग, मोटापा व कैंसर आदि रोगों से मांसाहार का निश्चित सम्बन्ध पाया गया है। औसत मांसाहारी व्यक्ति के मुकाबले शाकाहारी बांके और चुस्त होते हैं। इसके अतिरिक्त मांसाहार के व्यवसाय के कारण पशु-पक्षियों पर अकल्पनीय अत्याचार तो होते ही हैं, इससे ग्लोबल वार्मिंग जैसे दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं।

16 अक्टूबर 2011 को फौजा सिंह को शतायु धावक के रूप में वर्ड मास्टर्स ऐथलीटिक्स में शामिल किया गया। सिख धर्म के नियमों को मानने वाले फौजा सिंह को जीवदया में पूर्ण श्रद्धा है। अपने विज्ञापनों से होने वाली आय वे परोपकार संस्थाओं को दान कर देते हैं।

पॉल मैककॉर्टनी, ब्रायन ऐडम्स और शाहिद कपूर जैसे शाकाहारियों को अपने विज्ञापनों में स्थान देने वाली और पशुओं के प्रति मानवता का व्यवहार करने का अनुरोध करने वाली संस्था पेटा (PETA) ने फ़ौजा सिंह को अपने विज्ञापन में प्रस्तुत किया है, जहाँ वे कहते हैं:
मैं फ़ौजा सिंह हूँ, और मैं शाकाहारी हूँ! शतायु मैराथन धावक व विश्व रिकॉर्डधारक!
कृपया शाकाहारी बनिये शतायु धावक फौजा सिंह की भांति अपने जीवन को सफल बनाइये!

* सम्बन्धित कड़ियाँ *
* पेटा, यू के
* आरोग्यप्रद है शाकाहार
* शाकाहार में है सर्वाधिक सन्तुलित पोषण