सोमवार, 11 जुलाई 2011

प्रागैतिहासिक मानव, प्राकृतिक रूप से शाकाहारी ही था। (नवीनतम शोध)



‘नेशनल अकादमी आफ साइंसेज’ के जर्नल में प्रकाशित अनुसंधान रिपोर्ट के मुताबिक पुरापाषाण काल के मनुष्य, यूरोपीय आलू जैसे किसी शाक को पीस कर आटा बनाते थे और बाद में इसमें पानी मिला कर इस आटे को माढ लेते थे। अनुसंधानकर्ताओं में शामिल इटालियन इंस्टीटयूट आफ प्रिहिस्ट्री एडं अर्ली हिस्ट्री की खोजकर्ता लाउरा लोन्गो ने बताया कि यह बिल्कुल चपटी रोटी के समान होता था।उन्होंने कहा कि इसे गर्म पत्थरों पर सेंका जाता था, जो पकने के बाद करारी तो भले होती थी, लेकिन बहुत स्वादिष्ट नहीं होती थी।किसी वयस्क की हथेली में लगभग समा जाने वाले और पीसने के काम में आने वाले पत्थर इटली, रूस और चेक गणतंत्र में पुरातात्विक जगहों पर मिले हैं। करीब 30 हजार वर्ष पुराने पत्थरों पर खाद्यान्न के टुकडे पाए गए हैं। मानव का रोटी से पुराना है नाता। इससे पहले इजरायल में मिले 20 हजार वर्ष पुराने पत्थरों पर खाद्यान्न मिलने के बाद यह अनुमान लगाया गया था कि पहली बार आटे का इस्तेमाल 20 हजार वर्ष पहले किया गया था। नयी खोज से पता चला है कि रोटी का प्रचलन 30 हजार वर्ष पहले भी था। इस अनुसंधान ने इस धारणा को चुनौती दी है कि प्रागैतिहासिक काल का मानव मुख्य भोजन के रूप में मात्र मांस खाता था। नए साक्ष्य बताते हैं कि भारत जैसे देशों के समान ही, मुख्य भोजन के रूप में रोटी का उपयोग प्राचीन काल से होता रहा है। 
यह शोध पत्र 'नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' के जर्नल में छपा है। 

एक अन्य शोध के अनुसार निएंडरथल मानव सब्ज़ियां भी खाया करते थे. आदि मानवों पर किए गए एक नए शोध के अनुसार आदिमानव (निएंडरथल) सब्ज़ियां पकाते थे और खाया करते थे.अमरीका में शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्हें निएंडरथल मानवों के दांतों में पके हुए पौधों के अंश मिले हैं.यह पहला शोध है जिसमें इस बात की पुष्टि होती है कि आदिमानव अपने भोजन के लिए सिर्फ़ मांस पर ही निर्भर नहीं रहते थे बल्कि उनके भोजन की आदतें कहीं बेहतर थींयह शोध प्रोसिडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडेमी ऑफ साइंसेज़ में छपा है.

आम तौर पर लोगों में आदि मानवों के बारे में ये धारणा रही है कि वो मांसभक्षी थे और इस बारे में कुछ परिस्थितिजन्य साक्ष्य भी मिल चुके थे. तब उनकी हड्डियों की रासायनिक जांच के बाद मालूम चला था कि वो सब्ज़ियां कम खाते थे या बिल्कुल ही नहीं खाते थे.इसी आधार पर कुछ लोगों का ये मानना था कि मांस भक्षण के कारण ही हिमकाल के दौरान बड़े जानवरों की तरह ये मानव भी बच नहीं पाएहालांकि अब दुनिया भर में निएंडरथल मानवों के अवशेषों की रासायनिक जांच से मिले परिणामों ने उक्त अवधारणा को झुठलाया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि इन मानवों के दांतों की जांच के दौरान उसमें सब्ज़ियों के कुछ अंश मिले हैं जिसमें कुछ तो पके हुए हैं.निएंडरथल मानवों के अवशेष जहां कहीं भी मिले हैं वहां पौधे भी मिलते रहे हैं लेकिन इस बात का प्रमाण नहीं था कि ये मानव वाकई सब्ज़ियां खाते थे।

जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एलिसन ब्रुक्स ने बीबीसी न्यूज़ से कहा, ‘‘ हमें निएंडरथल साइट्स पर पौधे तो मिले थे लेकिन ये नहीं पता था कि वो वाकई सब्ज़ियां खाते थे या नहीं. हां लेकिन अब तो लग रहा है जब उनके दांतों में अग्नीपक्व सब्ज़ियों के अंश मिले हैं इसलिए निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि वो शाकाहारी भी थे।’’

12 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर जानकारी ...कई भ्रम दूर करती है पोस्ट....

    जवाब देंहटाएं
  2. आदरणीय हंसराज भाई, यह जानकारी तो कमाल की है| इससे तो उन लोगों को भी सीख मिलेगी जो आज तक यह अखते फिरते हैं कि मांस ही मानव का पहला भोजन था अत: मांसाहार मानव के लिए उपयुक्त है|

    जवाब देंहटाएं
  3. आप का बलाँग मूझे पढ कर अच्छा लगा , मैं भी एक बलाँग खोली हू
    लिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  4. जो रिवाज मुझे ब्लॉग जगत में समझ आया है.... वो है
    "शोध वही जो जिया को भाये" :))
    इस तर्ज पर इसे शायद इसे लोग इग्नोर करते रहेंगे .. खैर ... बेहतरीन पोस्ट ..... धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  5. गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर सभी मित्रों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ

    जवाब देंहटाएं
  6. वैज्ञानिक सोच पर आधारित तथ्यात्मक सुन्दर प्रस्तुती ...... आभार

    जवाब देंहटाएं
  7. अच्छा आलेख! मानव विकास के सोपानों को जानना रोचक है।

    जवाब देंहटाएं
  8. कमाल की जानकारी उपलब्ध काई है आपने ...

    जवाब देंहटाएं
  9. .

    Wonderful , informative and very scientific post. People must realize the significance of being a vegan.

    I wonder how human beings can eat flesh of animals.

    Thanks for sharing such a beautiful post.

    Sorry for being late here.

    .
    ...

    जवाब देंहटाएं
  10. करीब 30 हजार वर्ष पुराने पत्थरों पर खाद्यान्न के टुकडे पाए गए हैं। मानव का रोटी से पुराना है नाता। इससे पहले इजरायल में मिले 20 हजार वर्ष पुराने पत्थरों पर खाद्यान्न मिलने के बाद यह अनुमान लगाया गया था कि पहली बार आटे का इस्तेमाल 20 हजार वर्ष पहले किया गया था। नयी खोज से पता चला है कि रोटी का प्रचलन 30 हजार वर्ष पहले भी था। इस अनुसंधान ने इस धारणा को चुनौती दी है कि प्रागैतिहासिक काल का मानव मुख्य भोजन के रूप में मात्र मांस खाता था। नए साक्ष्य बताते हैं कि भारत जैसे देशों के समान ही, मुख्य भोजन के रूप में रोटी का उपयोग प्राचीन काल से होता रहा है।

    जवाब देंहटाएं