बुधवार, 18 जनवरी 2012

शाकाहार पर ‘निरामिष’ की तथ्यनिष्ठा


निरामिष सामूहिक ब्लॉग मानवीय जीवन के पोषण और स्वास्थ्य विषय की सम्वेदनशीलता के प्रति पूर्ण सचेत और निष्ठावान है। मानवीय पोषण और स्वास्थ्य मामलों पर लिखते हुए हम अति सम्वेदनशील होते है, स्थापित वैज्ञानिक तथ्यों व सन्दर्भों के साथ ही जानकारी प्रस्तुत करना हमारी निष्ठा है क्योंकि मामला जब मानव स्वास्थ्य का होता है तो इसकी गम्भीरता के प्रति अतिरिक्त सजग रहना हमारा कर्तव्य है। इसीलिए पोषण और स्वास्थ्य के प्रति फैलाई जा रही भ्रांतियों का खण्डन भी हमारे लिए परम् आवश्यक है। मानव पोषण व स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह की खिलवाड़ नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। मात्र तर्क जीतना  हमारा लक्ष्य नहीं है,  कभी तार्किक तथ्य परास्त भी हो जाय, पर अवैज्ञानिक धारणाओ का सहारा लेकर बात बचाना हमारा ध्येय नहीं है ।

यह स्थापित सत्य  है कि शक्ति, ऊर्जा, पोषण, स्वास्थ्य और मानवता की दृष्टि से शाकाहार जीवन शैली सर्वोत्कृष्ट है।

ऐतिहासिक शोध साक्ष्यों और स्थापित विकास मॉडल के आधार पर भी शाकाहार, विकसित सभ्य खाद्याचार सिद्ध है। नवीनतम पर्यावरणीय संशोधनों के अनुसार शाकाहार निश्चित ही सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण मित्र  है।

विभिन्न मूल धार्मिक उपदेश,  धर्मग्रंथो के सत्यनिष्ठ भावार्थ और करूणा प्रधान धर्म-सिद्धांत, शाकाहारी जीवन शैली को ही उपादेय सुनिश्चित करते है।

मानव जीवन में करूणा, अहिंसा और सम्वेदनाओं की अनिवार्यता पर कोई विशिष्ठ वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। किन्तु सर्वजग में शान्ति, और सहजीवन सहकारिता के लिए अहिंसा, करुणा, और सम्वेदनाओं की आवश्यकता सर्वोपरि है। सम्पूर्ण मानव सभ्यता के अनुभवजन्य ज्ञान से भी करुणा, अहिंसा और सम्वेदनाओं की पूर्णरूपेण ज्वलंत आवश्यकता निश्चित है। अतः करुणा, अहिंसा और सम्वेदनाओं में विकास के लिए शाकाहारी जीवन मूल्यों को स्थापित करना अपरिहार्य है।

आप हमारे आलेखों का सन्दर्भ निर्भयता के साथ दे सकते हैं क्योंकि प्रत्येक आलेख की प्रमाणिकता की यथासम्भव जाँच की गयी है और हमारे आलेखों में केवल विश्वसनीय जानकारी को ही लिया गया है।
सभी आलेखों का सर्वाधिकार “निरामिष” व लेखकों के पास सुरक्षित है। किसी भी रूप में पुनर्प्रकाशन से पहले अनुमति एवं प्रकाशन पर सन्दर्भ देना आवश्यक है।

8 टिप्‍पणियां:

  1. बेशक, यदि कोई उद्धरण दिया जाता है तो वह प्रामाणिक होना चाहिये व् लिंक भी अवश्य देना चाहिये यदि नेट से लिया गया है तो.

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  2. आधार चाहे नैतिक, धार्मिक और वैज्ञानिक हो, चाहे मानवता और सामाजिकता का हो, शाकाहार का महत्व सम्पूर्ण जगत में सदा था और इंसानियत के रहने तक बना रहेगा। तर्क से पहले तथ्य और प्रामाणिकता को रखना निरामिष ब्लॉग को विश्वसनीय बनाता है क्योंकि सत्य की आभा कभी फीकी नहीं पड़ती।

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  3. आभार निरामिष परिवार का - कि आपने मुझे एक सदस्य के रूप में शामिल किया |

    प्रयास करूंगी कि यहाँ कुछ अर्थपूर्ण योगदान कर सकूं |

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  4. करूणा, पोषण, आरोग्य, सभ्य आहार-शैली और पर्यावरण-सुरक्षा के कारणो से मानव के लिए शाकाहार सर्वश्रेष्ठ आहार शैली सिद्ध है।

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